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किसान विरोधी सरकार को भुगतने होगें भयंकर परिणाम : वशिष्ठ गोयल

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गुरग्राम 9 मार्च (अजय) : जय जवान-जय किसान का नारा लगाने वाली सरकार देश के किसानों के लिए बस्ते में बंद स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को तुरन्त लागू करे ताकि इनको देश की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।ये बात आज यहाँ नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ट कुमार गोयल ने कही।
उन्होंने आगे कहा कि उनका मंच पांच राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों द्वारा इस मांग को लेकर आगामी शुक्रवार को चंडीगढ़ में होने वाले प्रदर्शन का भरपूर समर्थन करता है और उनके साथ हो रहे अन्याय की लड़ाई में उनके साथ है।
केन्द्र सरकार द्वारा चालू अंतरिम बजट में किसानों को प्रोत्साहन राशि के रुप में छह हजार रुपये सालाना यानी केवल मात्र पांच सौ रुपये मासिक अर्थात सोलह रुपये और छियासठ पैसे प्रति दिन देना ऊंट के मुंह में ज़ीरा समान है और उनकी ग़रीबी का मज़ाक उड़ाने जैसा है।इसके उलट प्रधानमन्त्री ने हाल ही में गुजरात की एक चुनावी जनसभा में देश के कामगार मज़दूरों को तीन हज़ार रुपये मासिक अर्थात सौ रुपए प्रति दिन भत्ता देने का एलान करके खुद ही साबित कर दिया कि वो किसानों के कितनीे हितैषी हैं।
गोयल ने मोदी सरकार को याद दिलाया कि किसानों का सम्पूर्ण क़र्ज़ मांग करने के वादे से उनकी सरकार सत्ता में आई थी। इसके बावजूद किसानों के साथ ये नाइंसाफ़ी उसकी दोगले पन को बेनकाब करने जैसी है और इसका जवाब किसान इन चुनावों में अपने वोट की चोट से सरकार को मुंह तोड़ जवाब देने का मन बनाये बेठे हैं।
गोयल ने कहा कि उनके मंच का उद्देश्य ही लोगों के न्याय,सुरक्षा और सम्मान की लड़ाई लड़ना और जुमले बाज़ गूँगी बहरी भाजपा सरकार तक पीड़ित जनता की आवाज़ पहुंचाना है।उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए मंच से जुड़ने की अपील भी की।

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