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स्व राजीव गांधी ने ही आधुनिक संचार व्यवस्था को लागू किया था : जितेंद्र भारद्वाज

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गुडग़ांव, 21 मई (अजय) : स्व. राजीव गांधी जी को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता वो ही आदि वो ही अनंत, अक्षय उर्जा, संचारक्रांति के महानायक, देश को पंचायतीराज और हमको वोट डालने का अधिकार उन्हीं की देन है। उन्होंने ही आधुनिक संचार व्यवस्था को लागू किया था। उक्त विचार कांगे्रस के वरिष्ठ नेता जितेंद्र कुमार भारद्वाज ने स्व. राजीव गांधी की दिल्ली स्थित समाधि स्थल पर पहुंचकर अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि जब श्री राजीव गांधी ने देश के प्रधानमंत्री की बागडोर सम्भाली तब यह किसी ने नहीं सोचा था कि आज के भारत को नई आधुनिक टेक्नोलोजी संचार व्यवस्था तथा पूरी दुनिया के सामने खड़ा होने के लिए एक युवा टीम की जरूरत होगी। लेकिन श्री राजीव गांधी ने उसे पहले ही भांप लिया और आने वाले भारत के लिए दुनिया से आधुनिक संचार तंत्र भारत लाकर उसे लागू किया। हालांकि आलोचना करने वालों ने उसका मजाक उडाने की कोशिश की थी। आज वे सब एक स्वर से उस युवा प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के जनक श्री राजीव गांधी को याद कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कांगे्रस ने आजादी से पहले जो लोगों से वायदे किये उसे पूरा करने के लिए हर प्रयास किया। देश के नागरिकों को आपस में जोडने और एक महान भारत बनाने के लिए उसकी आर्थिक स्थिति तथा भौगोलिक परिस्थितियों के मुताबिक मजबूत ढांचा तैयार किया था। कांगे्रस के नेताओं ने आजादी के बाद भी अपने देश की एकता अखण्डता के लिए बलिदान दिया है।
उन्होंने बताया कि जनसूचना अधिकार कानून और मनरेगा दो ऐसे महत्वपूर्ण विकास मंत्र है जो युवा भारत को भारतीय लोकतंत्र व विकास ढांचे में भरोसा पैदा करेगा। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हो पाएगा। एक साधारण से पेपर पर देश के किसी भी आवश्यक सूचना की जानकारी ली जा सकती है। आज यही कारण है कि देश को पूरी दुनिया में एक मजबूत ढांचे के रूप में स्वीकार किया जा रहा है। क्योंकि इस देश के डेढ सौ करोड लोगों में इस व्यवस्था पर भरोसा है। आरटीआई ने इस भरोसे को और मजबूती प्रदान की।
उन्होंने कहा कि स्व. श्री राजीव गांधी ने पंचायती राज को कायम करने के लिए भरसक प्रयास किये, जिसका उदाहरण हमें आज पंचायतों में देखने को मिलता हैं। महिलाओं की पंचायत में भागीदारी भी उन्ही की देन हैं। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर क्रांति उनकी सोच का ही परिणाम है, जो आज कम्प्यूटर गांव-गांव तक पहुंच गया है।

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