बादशाहपुर, 22 अगस्त (अजय) : वर्षो से जलमग्न 5600 एकड़ भूमि के प्रति सरकार व् स्थानीय विधायक गम्भीर नही है। सरकार की तरफ से घोषणा तो की गई जलमग्न भूमि को बचाने के लिए बाँध बनाने का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन यह प्रस्ताव की बात केवल फाइलों में दब कर रह गई। आखिरकार सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि किसानों की जमीनों सरकार कब राहत दिलाने का कार्य करेगी। पिछले दिनों भी बरसात से खेडक़ी माजरा के पास जमीन पर नजफगढ़ ड्रेन की पटरी टूटने से ड्रेन का पूरा गन्दा पानी साथ में लगती करीब 100 एकड़ भूमि में पूरी तरह से भर गया था और आस-पास में बाढ़ जैसे हालात बन गये थे। मामले की सूचना मिलते ही उन्होंने इस मुद्दे को गम्भीरता से अखबारों एवं सोशल मीडिया के माध्यम उठाया। जिसके बाद तत्काल प्रभाव से टूटी हुई पटरी को अस्थाई तौर पर रिपेयर कराने का कार्य किया गया। इस दौरान पानी जमा होने से आसपास के मकानों में भी घुसने लगा था। जिसका अब तक कोई स्थाई समाधान नही हुआ था। जलमग्न भूमि होने से आस-पास में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। बीते दिनों रात में अचानक पटरी टूटने से जिस तरह से 100 एकड़ में जल भरा हुआ था, उससे आस-पास के हालात बाढ़ जैसे बन गये थे और लोगों के घरों और रास्तों का मुख्य सम्पर्क टूटने से लोग अपने घरों में ही कैद होकर रह गये थे। जिस पर सरकार को तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेना चाहिए था जिसमे भी प्रशासन को संज्ञान लेने में काफी वक्त लगा जिसके दौरान लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी राकेश दौलताबाद ने सरकार से मांग करते हुए जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की है
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