बादशाहपुर, 13 सितम्बर (अजय) : हरियाणा में आगामी विधासभा चुनावों को लेकर काँग्रेस के वरिष्ठ नेता राव कमलबीर सिंह ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को नसीहत देते हुए कहा वित्तमंत्री को बेतुका बयान देने के बजाय अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए। ऑटो सेक्टर में आर्थिक मंदी का ठीकरा ओला और उबर के ऊपर फोड़ अपनी जिम्मेदारी से पीछे नही हट सकते। अब वित्तमंत्री को कोई बताये ओला व उबर के साथ देश की आम जनता लोकल ट्रेन, मेट्रो और बस का भी इस्तेमाल करती है। इसका मतलब ये नही है कि आम जनता को ही आर्थिक मंदी का जिम्मेदार ठहरा दिया जाए। कमलबीर ने ब्यान देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के ब्यान के अनुसार अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निर्देश देते हुए कहाँ जब मैं प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था तो हमारे पास इतने बड़े जनादेश नही थे। इसके बावजूद हमने बहुत कुछ हासिल किया चाहे 1991 का संकट हो या 2008 का वैश्विक वित्तीय संकट। दोनों के माध्यम से सफलतापूर्वक नेविगेट किया। सरकार को इस मुद्दे को पारदर्शी तरीके से संबोधित करने की जरूरत है, विशेषज्ञों, विपक्षी नेताओं को खुले दिमाग से सुने और इस संकट को संभालने के लिए गंभीर इरादे से पेश करे। सरकार को आम लोगों में विश्वास जगाना चाहिए और दुनिया को संदेश देना चाहिए कि मोदी सरकार को पहले अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर जीएसटी शासन को मौलिक रूप से सरल और तर्कसंगत बनाना चाहिए, भले ही इसका अर्थ अल्पावधि में राजस्व की हानि हो, दूसरे सरकार को ग्रामीण खपत को कम करने और कृषि को पुर्नजीवित करने के लिए आसान तरीके खोजने होंगे। तीसरा सरकार को पूँजी निर्माण के लिए ऋण की कमी से निपटना चाहिए, चौथा कपड़ा, ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स और किफायती आवास जैसे प्रमुख नौकरी, गहन क्षेत्रों को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए और पाँचवा हमे निर्यात बाजारों को संबोधित करने के तरीके खोजने की आवश्यकता है, जो अन्य देश जैसे की अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्धों के परिणामस्वरूप खुल गए है। अंत मे निजी निवेश के माध्यम से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक विश्वसनीय रोड मैप होना चाहिए। अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मनमोहन सिंह के बताये गए 5 मुद्दों पर काम करे तो आने वाले 4 वर्षों में अर्थव्यवस्था फिर पटरी पर वापस लौट सकती है।
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