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बिजली संशोधन विधेयक के खिलाफ कल प्रदेशव्यापी विरोध दिवस मनाएगा डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन

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बादशाहपुर, 31 मई (राठौर) : प्रस्तावित बिजली संशोधन विधेयक 2020 की अधिसूचना के खिलाफ, एच.एस.ई.बी. डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन द्वारा 1 जून 2020 को प्रदेशव्यापी विरोध दिवस मनाया जाएगा। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलैक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 की अधिसूचना के खिलाफ 1 जून 2020 को विरोध दिवस (कोविड-19 के बचाव हेतु आवश्यक सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए) मनाए जाने का निर्णय लिया गया था जिसको आज मनाया जाएगा।
मीटिंग मे असोशिएशन के राज्य प्रधान अभिमन्यु धनखड़ ने प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 के दुष्परिणामों पर चर्चा करते हुए बताया कि बिजली विधेयक 2003 से छेड़ाछाड़ कर प्रस्तावित बिल में सम्मिलित देश के किसानों, गरीब जनता एवं देश में विषम परिस्थियों से लड़ने व देश के विकास के लिए अतिमहत्वपूर्ण स्तम्भ रूपी भूमिका अदा करने वाले बिजली कर्मियों के हितों के विपरीत सशोधित धाराओं से होने वाले भारी नुकसान से गरीबों को मिलने वाली क्रास सब्सिडी समाप्त हो जाएगी, जिससे गरीबों का बहुत बड़ा अहित होगा। राज्य लोड डिस्पेच सेंटर/राज्य इलैक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी आॅथोरिटी के अधिकारों को छीन कर केन्द्रीकृत्त करने एवं राज्यों को किस से बिजली खरीदनी है अथवा किससे नहीं के लिए हस्तक्षेप किए जाने के प्रावधान से देश एवं सभी प्रदेशों के लिए दूरगामी दुष्परिणाम होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि देश की आजादी के पश्चात गरीब जनता, किसानों एवं देश के चहुंमुखी विकास के दृश्टिगत छोटे व बड़े उद्योगों आदि हेतु सुविधा प्रदान करने के लिए प्रत्येक प्रदेश में राज्य विद्युत परिषदों के गठन हुए तथा उसके पश्चात उपभोक्ताओं के हितों की ओर अधिक सुरक्षा एवं राज्य सरकारों के हस्तक्षेपों को कम करने के लिए राज्य नियामक आयोगों का गठन हुआ लेकिन, आज इन सब व्यवस्थाओं को लगभग समाप्त करते हुए देश की जनता की सेवा रूपी संस्थागत ढांचों को पूरी तरह से केवल और केवल निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।
मीटिंग के दौरान राज्य महासचिव अमित मुदगिल ने बताया कि बिजली क्षेत्र को बचाने के लिए हमें हर हाल में लड़ना ही होगा क्योंकि केंद्र सरकार देश के विकास, गरीबों व किसानों के हित की भावना से बनाए गए बिजली संस्थानों को निजी घरानों के हाथों मे बेच रही है और बिजली को विलासता की मंहगी वस्तु बनाने की दिशा में बढ़ते हुए आम जनता की पहुँच से दूर किए जाने एवं वर्तमान में कोरोना आपदा की लड़ाई में भी अपनी जान की परवाह किए बिना चैबिसों घंटे अनवरत बिजली आपूर्ति करने वाले बिजली कर्मियों के साथ ,कोरोना काल इस संशोधित विधेयक को लागू करने का षड्यंत्रकारी विश्वासघात कर रही है। अत: बिजली संस्थानो को निजी हाथों मे बेचे जाने से बचाया जाना केवल बिजली कर्मियों के हितों की रक्षा ही नहीं बल्कि देश को बचाए जाने का एक पुनीत कार्य है।
डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन के राज्य चेयरमैन सुमित सिंहमार ने बताया कि 01 जून 2020 के विरोध दिवस के कार्यक्रम में देश के लगभग 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर भाग लेंगे और अपने अपने कार्यालयों मे काले बिल्ले/काली पट्टी और काला मास्क लगाकर सोश्ल डिस्टैंसिंग को पूर्णता सुनिश्चित करते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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