हरियाणा में नौकरी से हटाए गए 1983 पीटीआई ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। गुड़गांव में पांच पीटीआई ने अपना सिर मुंडवाकर सरकार का विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन् में सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा नगर पालिका महासंघ ने भी पीटीआई को अपना समर्थन दिया। इसके अलावा अध्यापक संघ व प्राथमिक शिक्षक संघ पहले से ही टीचर्स को दोबारा नौकरी पर लौटने की मांग कर रहे हैं। हटाए गए पीटीआई गत 12 जून से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2010 में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 1983 पीटीआई अध्यापकों की भर्ती की गई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गत 8 अप्रैल 2020 को चयन प्रक्रिया में खामियां बताकर इस भर्ती को रद्द करवाने के आदेश दिए थे। जबकि कर्मचारी का कोई दोष नहीं था। लेकिन प्रदेश सरकार ने 1983 पीटीआई को गत 2 जून को नौकरी से निकाल दिया। अब इन 1983 परिवारों को रोड पर खड़ा कर दिया है। एक तरफ जहां पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर इस महामारी के समय में 1983 लोगों का रोजगार छीनना न्याय संगत नहीं है। इसके विरोध में गुरुवार को 5 अध्यापकों ने सिर मुंडवाकर क्रमिक प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिनमें सोनू यादव, दीपक, राजकुमार, महेश व राजकुमार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आज हमें सर्व हरियाणा कर्मचारी महासंघ हरियाणा व पालिका महासंघ का भी समर्थन मिला। इस प्रदर्शन की अध्यक्षता प्रधान राकेश कुमार, पवन, प्रेम सागर, अरविंद कुमार, महेश, धर्मबीर, राजभारत, रजनी, सुमन, राज बोहरा, मुनेश, सुमन व बबीता आदि मौजूद रहे।
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