गुरुग्राम ; नेचर इंटरनेशनल के अध्यक्ष शरद गोयल ने पर्यावरण संरक्षण पर बोलते हुए कहा कि आज हमे पर्यावरण की बड़ी चिंता नही होगी तो किसे होगी। प्राकृति हमे एक के बाद एक बड़े झटके देकर अपनी तरफ लोगों को इशारा कर रही है, लेकिन लोग इस तरफ इशारा होने के बावजूद समझने को तैयार नही है। शरद गोयल कहते है कि देशभर में लोग गर्मी से परेशान हैं। दिल्ली-गुरुग्राम की बात करें तो 1 जून की शुरुआत में ही तापमान सामान्य से ज्यादा रहने लगा है। लोगों ने पंखे से राहत नहीं तो कूलर लगा लिए, कूलर से राहत नहीं मिली तो एसी का सहारा लिया, लेकिन क्या ये मशीनी उपाय, इस समस्या का स्थाई समाधान है यह सबसे बड़ा प्रश्न मानव जाती है लिए है जिसे हमे समझाना होगा। हम में से कितने ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपने जीवन में कम से कम एक पेड़ भी लगाया हो। शायद 10 में से एक भी बड़ी मुश्किल से होगा। हमें पर्यावरण की बड़ी चिंता होनी चाहिए।
कुछ लोग साल के सिर्फ एक या 2 दिन पर्यावरण बचाओं के मुद्दे पर बात करके रहे जाते है, लेकिन हमे इसे अपनी जीवन से जुड़ा समझ एक-दूसरे को जागरूक करने की जरूरत है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि 70 के दशक से आखिर हम किस अघोषित विनाश की ओर बढऩे लगे है कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर बहस और सम्मेलनों की जरूरत पडऩे लगी। यदि हमने समय रहते पर्यावरण बचाओं को लेकर खुद अपने स्तर पर मुहीम शुरू नही की गई तो वो दिन दूर नही जब इंशान के हाथों में शुद्ध हवा लेने के लिए घरों में एलपीजी सिलेंडर की तरह ओक्सीजन सिलेंडर रखने होंगे। हम सभी को जागरूप होकर पर्यावरण बचाओं को लेकर बड़ी मुहीम शुरू करनी होगी और ज्यादा से ज्यादा पेड़ बचाने के साथ साथ और नये पेड़ पौधे लगाने होंगे।
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