बादशाहपुर, 12 जनवरी (अजय) : देश में कृषि कानून पर हो रहे विरोध पर बोलते हुए गुरुग्राम से विपक्षी दल के नेताओं ने केंद्र सरकार से किसानों के हक में फेसला लेते हुए तीनों कृषि कानूनों को जल्द रद्द करने की मांग करते हुए किसानों के हक में एम.एस.पी. पर सख्त कानून बनाने की मांग की है। कांग्रेस नेता सुधीर चौधरी, वर्धन यादव, राजेश यादव, महेश घोडारोप, कुलदीप गुर्जर ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वही कहा जो वो लंबे समय से कहते आ रहे हैं। राजनीतिक बेईमानी से खेती को पूंजीपतियों के दरवाजे पर बेचने की साजिश नहीं होनी चाहिए। सवाल तीन कृषि विरोधी कानूनों में एमएसपी और अनाजमंडियों को खत्म करने का है, किसान को अपने ही खेत में गुलाम बनाने का है। इसलिए कानून रद्द करने होंगे। विपक्षी नेताओं ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर कानून लाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर कहा कि उच्चतम न्यायालय ने साफ़ कर दिया है कि नए कृषि कानूनों को लेकर जिस तरह से केन्द्र और किसानों के बीच बातचीत चल रही है, उससे वह बेहद निराश है। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, क्या चल रहा है ? राज्य आपके कानूनों के खिलाफ बगावत कर रहे हैं। उसने कहा हम बातचीत की प्रक्रिया से बेहद निराश हैं।पीठ ने कहा है कि हम आपकी बातचीत को भटकाने वाली कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन हम इसकी प्रक्रिया से बेहद निराश हैं। पीठ में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे।
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