[post-views]

5 सालों से लम्बित नही बन सका सीएम द्वारा घोषित 100 बेड का अस्पताल : राजेश यादव

67

गुरुग्राम की स्वास्थ्य सेवाओं पर निशाना साधते हुए एक बार फिर कांग्रेस नेता राजेश यादव ने भाजपा सरकार की कार्यशेली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है। राजेश यादव ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियों में कहा कि बादशाहपुर स्थित सेक्टर 67 में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 8 एकड़ में 10 अप्रैल 2016 को सरकारी अस्पताल बनाने की घोषणा की थी। घोषणा के 5 सालों में आज तक बादशाहपुर में सरकारी अस्पताल नही बनाया गया, जबकि मुख्यमंत्री समाज सेवियों तथा एन.जी.ओ. की मदद से बन रहे अस्थाई कोविड केयर सेंटर का फीता काटकर झूठी वाहवाही लुट रहे है, जिस पर जनता प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही है। राजेश द्वारा जारी इस वीडियों को सेक्टर 67 की उसी खाली जमीन पर बनाया जहां सरकारी अस्पताल बनाने का बोर्ड भी लगाया हुआ है। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल 2021 के मास्टर प्लान में सेक्टर 67 में 8 एकड़ का सरकारी अस्पताल प्रस्तावित था। इस अस्पताल के लिए 2013 में ही जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया था, जिसे स्थानीय लोगों ने जनहित कार्य होने के चलते जमीन देकर मुआवजा भी उठा लिया गया। 2014 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने जमीन पर कब्जा लेकर चारदीवारी कर दी गई। जिसके बाद 2016 मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहाँ अस्पताल बनाने की घोषणा कर दी। 2018 में तत्कालीन मंत्री राव नरबीर ने इस अस्पताल का उदघाटन करते हुए कहा कि यह 100 बेड का अस्पताल अगले 2 साल में बनकर तैयार हो जाएगा। जोकि पीपीपी मोड़ पर बनेगा, जबकि जमीन सरकारी अस्पताल के नाम पर अधिग्रहित की गई थी, लेकिन आज 5 वर्ष बीतने के बाद भी भाजपा द्वारा यहाँ एक इंट लगाने का कार्य नही किया गया, जिसे जनता भली भाँती जानती है।

बड़ी आबादी के चलते के यहाँ अस्पताल की बड़ी जरूरत :

बादशाहपुर अस्पताल की आबादी 50 हजार से ज्यादा की है। इसके अलावा इस साईट के आस-पास दर्जनों गाँव व् सेक्टरों की भी संख्या है। यहाँ से न्यूनतम गुरुग्राम सरकारी अस्पताल की दुरी 12 किलोमीटर तो सोहना सरकारी अस्पताल की 15 किलोमीटर की दुरी है। सबसे बड़ा विधानसभा बादशाहपुर होने के बाद भी लोगों को दोनों तरफ करीब 15 किलोमीटर सरकारी अस्पताल में जाना पड़ता है, जिसके लिहाज से इस अस्पताल की क्षेत्र को सबसे बड़ी जरूरत है।

प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्र में नही सुविधाएँ :

बादशाहपुर के बड़े बजार में महज एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद है जहां सुविधाएं ना के बराबर है। जिस इलाके में करीब 100 बेड का अस्पताल बेहद जरूरी है, उस जगह महज एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम काम चलाया जा रहा है, जोकि जनता के साथ बड़ा भेदभाव है।

अस्पताल बनाया होता तो इस महामारी में लोग नही मरते :

राजेश यादव ने कहा कि इस अस्पताल के लिए सवा सौ करोड़ का खर्च आता है, गुडगाँव नगर निगम का ढाई हजार करोड़ का सालाना बजट है, उसके बावजूद यहाँ 5 सालों में अस्पताल नही बन सका। यदि यहाँ अस्पताल बन गया होता तो आज इस कोरोना महामारी में लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट, वेंटीलेटर सहित तमाम सुविधाओं के साथ इलाज मिलता, लेकिन सरकार ने ऐसा नही किया जिससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा होता है। लोग तड़प तड़प कर बिना सुविधाओं के चिकित्सा के फुटपाथ पर मर गये।

राजेश यादव, कांगेस नेता बादशाहपुर

भाजपा वर्जन :

अस्पताल के संदर्भ में खबर लिखे जाने तक जब भाजपा जिला अध्यक्ष से बात करने का प्रयास किया तो फोन पर किसी ने जवाब दिया कि वह अभी किसी बैठक में बाद में बात करेगी।

Comments are closed.