राव इंद्रजीत सिंह के ख़ास कहे जाने वाले गजराज दायमा व सतीश यादव नवादा द्वारा शहीदी दिवस समारोह में भीड़ जुटाने के लिए उनकी तरफ से जगह जगह गांवो में बैठकों का दौर जारी है। उन्होंने कहा कि इस बार शहीदी दिवस समारोह की महिलायें शोभा बढ़ाएगी। गजराज व सतीश नवादा ने बताया कि शहीदी दिवस समारोह के लिए लोग पहले से तैयार है। उन्होंने बताया कि जब वह लोगों के बिच कार्यक्रम में पहुँचने के लिए निमन्त्रण देने जा रहे है तो लोगों से उन्हें कार्यक्रम में आने का आश्वासन मिल रहा है। जिससे इस कार्यक्रम की सौभा और जायदा बढने वाली है। बता दें कि यह दिन 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक अमर शहीद राव तुलाराम की शहादत पर मनाया जाता है राव तुलाराम का जन्म रेवाड़ी के रामपुरा में 9 दिसंबर 1825 को हुआ था। उस वक्त उनके पिता राव पूर्ण सिंह का रेवाड़ी (अहीरवाल) में राज था। राव तुला राम जब 14 साल के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया था। उसके बाद 14 साल की उम्र में ही उन्होंने राज गद्दी संभाल ली। लेकिन पिता की मौत के बाद अंग्रेज़ों ने उनकी रियासत पर धीरे-धीरे कब्जा कर दिया। इसके बाद राव तुलाराम ने अपनी सेना तैयार की। 1857 के विद्रोह की आग जब मेरठ तक पहुंची तो वो भी इस क्रांती में कूद पड़े। राव तुलाराम और उनके भाई के नेतृत्व में रेवाड़ी की सेना ने अंग्रेज़ी हुक़ूमत की नाक में दम कर दिया और रेवाड़ी व उसके आस-पास के कई इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया। 23 सितंबर 1863 को उन्होंने काबुल में अंतिम सांस ली। राव तुला राम ने भारत को आज़ाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
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