सेना में अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग ने गुरुग्राम में जोर-शोर से आन्दोलन छेड़ा हुआ है, इसके लिए बकायदा युवाओं द्वारा खेड़कीदौला में अहीर रेजिमेंट गठन की तैयारियों के लिए कार्यालय भी खोल दिया गया है। उक्त विषय में जानकारी देते हुए अरुण यादव ने बताया कि अहीर समाज के लोगों की मांग है कि देश के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले वीर अहीर सैनिकों के सम्मान में अहीर रेजिमेंट का गठन किया जाना चाहिए। हरियाणा के गुरुग्राम सहित देश के अलग-अलग प्रांतों एव सोशल मीडिया पर इस मांग ने जोर पकड़ लिया है। 1962 में चीन के साथ हुई जंग में अहीर सैनिकों ने भी अपने शौर्य का जबरदस्त प्रदर्शन किया था। अहीरों की जनसंख्या भी काफी ज्यादा थी, ऐसे में सेना में अहीर रेजीमेंट का ना होना अन्याय है।
अरुण यादव कहते है कि अहीर रेजिमेंट की मांग कोई नई नहीं है। 2016 में ऑल इंडिया यादव महासभा ने इसके लिए आवाज बुलंद की थी। रेजांगला शहीद फाउंडेशन भी इसे लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुकी है। समाजवादी पार्टी ने भी 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणापत्र में अहीर बख्तरबंद रेजिमेंट बनवाने का ऐलान किया था। यादव समाज का कहना है कि 1962 के युद्ध में कुल 114 सैनिक शहीद हुए थे, जिनमें से 112 यादव थे। इन सैनिकों ने चीन के सैंकड़ों सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। इसलिए सम्मान स्वरुप अहीर रेजिमेंट बनाई जानी चाहिए।
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