देश भर में आज छठी से बारहवी तक के स्कूल फिर से खूल गए है। विद्यालय के प्रांगण में भी खुशी का महौल देखा गया। स्कूल में आने के बाद बच्चो में आज उत्साह व जोश भरपूर था। उचित सार्वजनिक दूरी व कोरोनाकाल के नियमो का पालन करते हुए बादशाहपुर सेक्टर 66 स्थित अशोका इंटरनेशनल स्कूल डायरेक्टर अशोक यादव ने आशा जताई कि हम विद्यालय के भविष्य को आगे बढ़ाते रहेगे। आज अशोका इंटरनेशनल सहित शहर के अन्य सभी स्कूलों में नियमों का पालन कराते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजिंग के बाद ही छात्रों को कक्षा में प्रवेश मिल सका। स्कूलों में छात्रों को कड़े निर्देश दिये गए कि, उन्हें कक्षा की किसी भी चीज यहां तक की इस्तेमाल की जाने वाली टेबल चेयर को भी बैठने के अलावा हाथों से छूने की अनुमति नहीं होगी, न ही कक्षा की कोई अन्य चीज वो छुएंगे, ताकि वो संक्रमण के खतरे से बचे रहें। सभी स्कूलों में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए एक मेज छोड़कर बैठाया गया। जिससे कि इस बार सत्र काफी देर से शुरु हुआ है, तो स्कूल का फोकस छात्रों की मुख्य परीक्षा के अनुसार ही तैयारी कराने पर है। किसी भी बच्चे का व्यक्तित्व निखारने और उसका भविष्य संवारने में स्कूल की भूमिका सर्वाधिक होती है। स्कूल एक ऐसी जगह है, जहां बच्चों का सामाजिक विकास तेजी से होता है।
स्कूल खुलने पर बोले अभिभावक :
नमिता (बच्चे की मॉं) कहती है कि सभी छात्र एवं छात्राएं लंबे समय से घर पर रहकर ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे थे परंतु हाल ही में सरकार ने छठी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक स्कूल खोलने की घोषणा की है, यह घोषणा सुनकर हमें बहुत खुशी हुई, क्योंकि ऑनलाइन शिक्षा मात्र साधन है साधय नहीं। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए विद्यालय खोलने का सरकार ने यह कदम उठाया है इसके लिए कोई 90 के दिशा निर्देशन का पालन करना अनिवार्य होगा।
मीनाकुमारी (बच्चे की मॉं) कहती है कि हमें यह घोषणा सुनकर खुशी हुई की सरकार ने स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है, क्योंकि दूरस्थ शिक्षा अब बच्चों को उबाऊ लगने लगी है और क्योंकि परीक्षा पास आ रही है। छात्रों शिक्षकों और सहपाठियों के साथ सामाजिक संपर्क की जरूरत पेश आ रही है। मेरे विचार से सभी स्कूलों को नर्सरी से कक्षा 12 वीं तक कक्षाएं चलाने की अनुमति देनी चाहिए।
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