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अहीर रेजिमेंट मांग को लेकर चिनार कार्यालय पर हुई बड़ी और अहम बैठक

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बादशाहपुर, 15 मार्च (अजय) :  चिनार गार्डन बादशाहपुर मे  मुकेश यादव जैलदार के नेतृत्व में एवं डॉक्टर अशोक यादव की अध्यक्षता में सेना में अहीर रेजिमेंट बनाने के मांग के लिए एक बैठक की गई। आजादी की लड़ाई हो या आजाद भारत का कोई भी युद्ध, अहीरों की वीरगाथा सुनहरे अक्षरों में पढ़ने को मिलती है। भगवान कृष्ण भी क्षत्रिय परिवार में जन्म लेने के बाद भी, अपने आप को यदुवंशी कहलाना गर्व की बात समझते थे। अहिर समाज शुरू से ही पराक्रमी एवं आजादी प्रिय जाती रही है। आधुनिक इतिहास में यूरोपीय बंस में जो स्थान ग्रीक और रोमन लोगों का रहा है। भारतीय इतिहास में वही स्थान अहिर समाज का है। तमिलनाडु के यादव बीरन अलगनत्थू कोण को कौन नहीं जानता। जिन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी के विरूद्ध सर्वप्रथम विद्रोह का झंडा उठाया और प्रथम स्वतंत्रता सेनानी के गौरव के साथ वीरगति को प्राप्त हुए। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में बिहार में कुंवर सिंह सेना का नेतृत्व भी रंजीत सिंह यादव ने किया। 10 मई 1857 को दिल्ली के लाल किले पर धावा बोलने वाले क्रांतिकारियों का नेतृत्व रेवाड़ी हरियाणा के राव रामलाल ने किया और किले के किलेदार मिस्टर डग्लस को गोली मार दी। रेवाड़ी के राजा राव तुला राम ने 18 नवंबर 1857 को नारनौल हरियाणा में जनरल गेरार्ड और उसकी सेना का जमकर मुकाबला किया और युद्ध के दौरान राव कृष्ण गोपाल ने गेरार्ड का सिर तलवार से काट कर अलग कर दिया। 2 सितंबर 1863 को इस अप्रीतम वीर का काबुल में देहांत हो गया। जहां आज भी भारतीय वहां पर जाकर उनकी समाधि पर पुष्प माला चढ़ाकर उनको सम्मान देते हैं। इस वीर के वीरगाथा को देखते हुए 23 सितंबर 2001 को उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया गया। चौरा चोरी कांड से भला कौन अवगत नहीं होगा।  जिसमें थाने में आग लगाने वाली टीम का नेतृत्व भगवान यादव ने किया था। सुभाष चंद्र बोस के सेना में भी रेवाड़ी के राव तेज सिंह, जो नेता के दाहिने हाथ माने जाते थे। उन्होंने सिर्फ अपने कुल्हाड़ी से 28 अंग्रेज सैनिकों का वध कर दिया था।  नेताजी के सैनिक संगठन आई एन ए का सर्वोच्च सैनिक सम्मान शहीदे ए भारत, नायक मौलार सिंह यादव को और शेर ए हिंद, सम्मान हरि सिंह यादव को दिया गया। कर्नल रामस्वरूप यादव को सरदार ए जंग के सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुकेश यादव जैलदार ने सरकार से मांग कि ऐसे वीर और बलिदानी समाज के लिए अहीर रेजिमेंट की मांग को जल्द से जल्द स्वीकार करें। डॉ अशोक यादव ने भी 36 बिरादरी से अपील की 23 मार्च भगत सिंह के शहीदी दिवस पर खेरकी दौला गांव में अधिक से अधिक संख्या में आकर अहीर रेजिमेंट की मांग का समर्थन करें और सरकार पर दबाव बनाएं। ताकि सरकार हमारी मांग पर जल्द से जल्द फैसला ले। इस बैठक में मुख्य रूप से बलजीत यादव, वजीराबाद एडवोकेट पवन यादव, पूर्व प्रधानाचार्य अशोक यादव, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मुकेश यादव, ईश्वर सिंह, पूर्व राज्य प्रधान अनिल यादव, पूर्व सरपंच देवराज यादव, अमरपाल यादव, राममेहर यादव, बुधराम यादव, नारायण यादव, कर्मवीर यादव,पूर्व प्रवक्ता रविंद्र यादव पूर्व एसडीओ एस के यादव और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थेl

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