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यदुवंशियों के सम्मान में अहीर रेजिमेंट की स्थापना से बेहतर विकल्प कुछ नही : सयुंक्त मोर्चा

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बादशाहपुर, 16 जुलाई (अजय) : खेड़की दौला टोल प्लाजा पर अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर जारी अनिश्चितकालीन धरना आज 163वें दिन भी जारी रहा। अहीर रेजीमेंट बनाने की मांग काफी वर्षों पुरानी है जिस तरह से सेना में अलग-अलग रेजिमेंट बनी हुई है। भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट फिर से बनाने की मांग हो रही है। पहले कुमाऊं रेजिमेंट में हरियाणा के अहीर सैनिक हुआ करते थे और इसलिए उसे अहीर रेजिमेंट भी कहा जाता था लेकिन अब समुदाय के लिए एक पूर्ण इन्फैंट्री रेजिमेंट की मांग हो रही है। जिसके कारण लगातार धरना जारी है। यूपी-बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र में भी अहीरों की अच्छी आबादी है और राजनीतिक रूप से उनका दबदबा भी उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति हो या फिर दूसरा विश्व युद्ध, यदुवंशी शौर्य किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान तक फैले यदुवंशियों ने इतिहास में कई बार सीमाओं की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दिया है। यदुवंशियों को सम्मान देने के लिए अहीर रेजिमेंट की स्थापना से बेहतर विकल्प और कुछ नहीं होगा। इस अपील कर गांव-गांव जाकर कालियावास जाझरौला खेडा व आदि गांव मे पंचायत की गई। पंचायत करने के बाद गांव के लोगो ने पुरा साथ दिया और धरने पर आकर समर्थन देने का आश्वासन दिया है। इस अपील कर गांव-गांव पहुंचने वालों अरूण यादव खेड़की दौलाम, कंवर लाल नखरौला, राजेन्द्र कप्तान खेडकी खुमारपुर सतीश खेडकी दौला, रविन्द्र फौजी, मोनु खेडकी दौला आदि लोग मौजुद रहे।

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