बादशाहपुर, 21 अक्टूबर (अजय) : गुरुग्राम सहित दिल्ली एन.सी.आर. में लगातार प्रदूषण का खतरा हर जगह बढ़ता जा रहा है। जिससे मानव जीवन को भयानक परिणाम भुगतना पड़ सकता है। उक्त विषय में जानकारी देते हुए नेचर इंटरनेशनल के अध्यक्ष शरद गोयल ने कहा कि जिस तरह से लगातार एन.सी.आर. में फिर से प्रदुषण बढ़ रहा है यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद ही खतरनाक शाबित होने वाला है, जिसके लिए हम सबको जरूरी कदम उठाते हुए इसकी वृद्धि रोकने के लिए सरकार के नियमों पर काम करते हुए मिलकर प्रदुषण नियंत्रण के प्रति अभियान शुरू करना होगा। जिले में भी प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा है। हालांकि लॉकडाउन के दौरान इसमें कमी आई है। वाहनों से निकले धुआं के अलावा विभिन्न निर्माण कार्यों, डीजल जनरेटर, उद्योग- धंधे से निकले धुएं और विभिन्न गैस व सड़कों से उड़ने वाली धुल धूलकणों से वायुमंडल में फैलकर इसे प्रदूषित करता है। प्रदूषण के कारण सांस के साथ हम हानिकारक गैस, धूलकण को फेफड़े के अंदर लेते हैं। जो कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। वहीं ध्वनि व जल प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है।जिसके लिए हर प्रकार के प्रदूषण पर रोक लगाना आवश्यक है। अगर अभी प्रदूषण पर रोक नहीं लगा तो आने वाले समय में सांस लेना भी लोगों के लिए मुश्किल होगा। प्रदूषण का असर वायु प्रदूषण कई बीमारियों का कारण बन सकता है।
जीवन की व्यस्तता के साथ भौतिकता बढ़ी है। इसके साथ वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग बढ़ा है। फ्रिज, कूलर, एसी, ऊर्जा संयंत्र, विभिन्न वाहनों के उपयोग व अन्य उद्योगों के साथ लगातार निर्माण कार्य आदि हो रहे हैं। कचरे जलाने, कृषि अवशेष जलाने, इंधन में लकड़ी आदि जलाने से प्रदूषण फैलता है। हरे-भरे पेड़ काटे जा रहे हैं। वृक्षों को अंधा-धुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। पेड़ -पौधे ही हमें ऑक्सीजन देते हैं। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है। प्रदूषण का स्तर आबादी के साथ तेजी से बढ़ रहा है। इस पर विराम लगाना आवश्यक है। प्रदूषण से बचने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाया जाना आवश्यक है। हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से भरे हों। वाहनों के कम इस्तेमाल के साथ प्रदूषण मानक का वाहनों में उपयोग हो, कचरा जलाने के बजाय उसका निष्पादन हो, तभी प्रदूषण के स्तर को कम रखा जा सकता है।
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