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वायु प्रदुषण से बढ़ रहा गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा : डॉ. ज्योति गोयल

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बादशाहपुर, 9 नवम्बर (अजय) : दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदुषण से चिकित्सक काफी चिंतित नजर आ रहे है, जिसको लेकर जीवनधारा अस्पताल की फिजिशियन डॉ. ज्योति गोयल का कहना है कि बढ़ते वायु प्रदुषण से सबसे ज्यादा इसका प्रभाव लोगों के फेफड़ो, दमा और ह्रदय रोगियों, बीड़ी सिगरेट पीने वालों पर ज्यादा पड़ता है, जिससे लोगों में काफी गम्भीर बीमारियाँ धीरे-धीरे बनने लगती है, लेकिन पहले से ग्रसित दमा और ह्रदय रोगियों को को इस वायु प्रदुषण के दौर में स्वस्थ रहना और बड़ी चुनोती हो जाता है, जिसके लिए उन्हें नियमित जांच की बड़ी आवश्यकता होती है। इस दौरान उन्हें बार-बार सांस लेने में तकलीफ होने पर एडमिट होना पड़ता है।

इस प्रदूषण की वजह से किसी को केंसर है तो किसी को शुगर या हृदय रोग बढ़ता जा रहा है। जब आबादी बढ़ती है तो यह आवश्यक है कि मानवीय जरूरतें पूरी की जायें। वायु प्रदूषण एक ऐसा प्रदूषण है जिसके कारण रोज-ब-रोज मानव स्वास्थ्य खराब होता चला जा रहा है और पर्यावरण के ऊपर भी इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। यह प्रदूषण ओजोन की परत को पतला करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है, जिसकी वजह से जैसे ही आप घर के बाहर कदम रखेंगे आप महसूस करेंगे कि हवा किस कदर प्रदूषित हो चुकी है।

डॉ. ज्योति गोयल का कहना है कि हमे पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए अपने आस-पास पेड़-पौधों की देखभाल ठीक से करनी होगी। अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करने की बजाए अधिक से अधिक साइकिल का इस्तेमाल करें। सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। जरूरत न हो बिजली का इस्तेमाल न करें। बगीचे में सूखी पत्तियाँ हों तो उन्हें जलाएँ नहीं, बल्कि उसकी खाद बनायें। अपनी कार का प्रदूषण हर तीन महीने के अन्तराल पर चेक करवाएँ।

डॉ. ज्योति गोयल ने बताया कि हमे इस तरह के खतरनाक प्रदूषण स्तर के दौरान एन 95 मास्क इस्तेमाल करना चाहिए। अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना चाहिए। बाहर व्यायाम करने से बचना चाहिए। सुबह के वक्त दमा एव ह्रदय रोगियों, बीड़ी सिगरेट पीने वालों को हार्ट अटेक के ज्यादा सम्भावना बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों को सुबह के वक्त तो खासतौर से बचना चाहिए क्योकि सुबह के वक्त वायु प्रदुषण में ओजोन गेस का ज्यादा प्रभाव होता है, सूर्य की किरण दिखने पर ही घरों से बाहर निकलना चाहिए। खासतौर से फेफड़ों के मरीज, दमा एवं ह्रदय रोगियों को अपने डॉक्टर से नियमित जांच करानी है, मरीज को कोई भी तकलीफ होने पर तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाना है।

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