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लगातार पड़ने वाले मिर्गी के दौरों को हल्के में न लें मरीज : डॉ. राहुल जैन

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बादशाहपुर, 14 दिसम्बर (अजय) : देश में मिर्गी के दौरों से हजारो लोग पीड़ित है। अधिकतर मरीज मिर्गी के पड़ने वाले दौरे से अनजान होते है, जिसके बारे में सही और उचित जानकारी नही होने की वजह से लोगों को अपनी जान भी गवानी पडती है। जबकि मिर्गी के दौरे पड़ने वाले मरीज को सही समय पर इलाज मुहिया कराया जाए तो वह पहले की तरह फिर से स्वस्थ हो सकते है। उक्त विषय में जीवन धारा अस्पताल के मिर्गी रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल जैन ने कही। उन्होंने अस्पताल में आज एक विशेष केम्प के दौरान मरीजों को समझाते हुए बताया कि जिस मरीज को मिर्गी आने वाली होती है उसके प्रमुख लक्षणों की बात करें तो उस व्यक्ति को अचानक गुस्सा होना, चक्कर आना, एक ही जगह घूमना, बिना तापमान के एक आवेग, ब्लैकआउट या मेमोरी लॉस होना, कुछ समय के लिए कुछ भी याद नहीं रहना, बिना किसी कारण के स्तब्ध रह जाना, अचानक खड़े-खड़े गिर जाना, बार-बार एक जैसा व्यवहार करना, शरीर में झुनझुनी और सनसनी होना, लगातार ताली बजाना या हाथ रगड़ना, चेहरे, गर्दन और हाथ की, मांसपेशियों में बार-बार झटके आना, अचानक से डर जाना और बात करने में असमर्थ होना, छूने, सुनने या सूंघने की क्षमता में अचानक बदलाव आना, कुछ अंतराल में बेहोश होना, शरीर में थकावट होती है। इस तरह के लक्षणों को ध्यान रखने की जरूरत होती है। इन सबके अलावा, मिर्गी के दूसरे भी अन्य लक्षण हो सकते हैं। मिर्गी का लक्षण मरीज और मिर्गी के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। डॉक्टर ने कहा कि यह आर्टिकल पढने वाले के घर में किसी भी व्यक्ति को इस तरह के लक्षण दिखे या अगर खुद में अनुभव करते हैं तो जल्द से जल्द विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

डॉ. राहुल जैन ने बताया कि मिर्गी की शिकायत अनेक कारणों से हो सकती है। इसके मुख्य कारणों की बात करें तो सिर पर घातक चोट लगना, ब्रेन ट्यूमर या सिस्ट होना, एड्स, संवहनी रोग, जन्म से पहले शिशु के सिर में चोट लगना, अत्यधिक शराब या नशीली दवाओं का सेवन, ब्रेन स्ट्रोक 35 से अधिक उम्र के लोगों में मिर्गी का यह मुख्य कारण माना जाता है, शिशु के जन्म के दौरान मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी होना, जन्म से मौजूद विकास संबंधित विकार या तंत्रिका संबंधित रोग, मिर्गी के खतरे को बढ़ाने वाले कारक होते है।

चिकित्सक सुझाव :  

डॉक्टर राहुल जैन का कहना है कि मिर्गी के रोगीयों को पर्याप्त आराम करना चाहिए, रात को 6-8 घंटे की अच्छी नींद लें, समय पर भोजन करें, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का कम इस्तेमाल करें। मिर्गी का उपचार मरीज की उम्र और समग्र स्वास्थ्य एवं लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। मिर्गी का इलाज करने के लिए डॉक्टर कुछ मुख्य जांच के बाद इस पर निर्णय ले पाते है। इस तरह के लक्षण वाले मरीजों एवं मिर्गी के मरीजों मिर्गी विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलकर सलाह ले सकते है और इसका तुरंत प्रभाव से इलाज कराना चाहिये।

डॉ. राहुल जैन, मिर्गी रोग विशेषज्ञ, जीवनधारा अस्पताल  

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