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महान राष्ट्रभक्त थे वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप : धर्मेन्द्र तंवर

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गुरुग्राम, 19 जनवरी (ब्यूरो) : अंसल सेसेंसिया आर.डब्लू.ए. अध्यक्ष, लोकप्रिय समाजसेवी एवं नगर-निगम गुरुग्राम के वार्ड 25 बादशाहपुर से पार्षद पद के भावी उम्मीदवार धर्मेन्द्र तंवर ने मेवाड़ के महान राजपूत शासक महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा के साथ नमन किया। उन्होंने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप एक महान राष्ट्रभक्त एवं कुशल योद्धा थे। राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले महानायक महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ के कुंभलगढ़ में सिसौदिया वंश में हुआ था। पिता उदय सिंह के निधन के बाद 1572 में महाराणा प्रताप मेवाड़ के सिसौदिया राजपूत वंश के 54वें शासक बने थे। धर्मेंद्र तंवर ने कहा कि अकबर बिना युद्ध के ही मेवाड़ को अपने अधीन करने का प्रयास कर रहा था। इसके लिए अकबर ने चार बार महाराणा प्रताप के पास संदेश भेजे। लेकिन महाराणा प्रताप ने सभी प्रस्तावों को सिरे से खारिज कर दिया और मुगलों की अधीनता को स्वीकार करने से साफ तौर पर इनकार कर दिए। इसी कारण महाराणा प्रताप को मुगलों से कई बार अलग अलग जगहों पर युद्ध करना पड़ा। इसकी शुरुआत हल्दी घाटी के ऐतिहासिक युद्ध से हुई थी। धर्मेंद्र तंवर ने कहा कि महाराणा प्रताप का पूरा जीवन अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए संघर्ष में बीता था जिसमें वे अधिकांश समय विजई ही रहे थे। महाराणा प्रताप ने शक्तिशाली अकबर से लोहा लिया और उसके साथ दूसरे राजपूत राजाओं के लिए भी मिसाल रखी कि अपनी आन बान, शान और स्वतंत्रता के लिए कैसे लड़ा जा सकता है। ऐसे महापुरुषों के विचारों से हमें सदैव प्रेरणा प्राप्त होती रहेगी।

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