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स्वामी दयानंद सरस्वती ने सामाजिक कुरीतियों का किया अंत : गौरव यादव

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गुरुग्राम, 12 फरवरी (ब्यूरो) : वरिष्ठ युवा नेता, समाजसेवी और गुरुग्राम नगर निगम वार्ड 25 से पार्षद पद के भावी उम्मीदवार गौरव यादव ने स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती आर्य समाज के संस्थापक, महान चिंतक, समाज सुधारक व सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करने में एक अहम भूमिका निभाई थी। सन् 1876 में स्वराज के लिए भारत के लिए भारतीयों का अभियान शुरू किया था, जिसे बाद में लोकमान्य तिलक द्वारा चलाया गया। स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों को सर्वोच्च माना। साथ ही उन्होंने वेदों का प्रमाण देते हुए समाज में कई कुरीतियों का कड़ा विरोध भी किया। गौरव यादव ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती के विचार अनमोल थे। उनका का विचार था कि आप दूसरों को बदलना चाहते हैं ताकि आप आजाद रह सकें लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है। मनुष्य को दूसरों को बदलने की बजाय स्वयं को बदलना चाहिए। एक व्यक्ति पूरे समाज को नहीं बदल सकता लेकिन जब हर व्यक्ति स्वयं में बदलाव लाएगा तो पूरे समाज का बदलाव एक साथ ही संभव हो सकेगा। स्वामी दयानंद सरस्वती ने यह भी कहा था कि संगीत व्यक्ति के मर्म का आह्वान करने में मदद करता है और बिना गीत के मर्म को छूना मुश्किल है। अगर आप पर हमेशा ऊंगली उठाई जाती रहे तो आप भावनात्मक रूप से अधिक समय तक खड़े नहीं रह सकते। गौरव यादव ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों की क्रांति आज भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

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