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महाराष्ट्र में सागरमाला परियोजनाओं के सफलतापूर्वक पूरा होने से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और समुद्री बुनियादी ढांचा बेहतर होगा: श्री सर्बानंद सोनोवाल

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नई दिल्ली, 20जून।केंद्रीय पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री  सर्बानंद सोनोवाल ने आज मुंबई में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री  देवेंद्र फडणवीस के साथ एक संयुक्त समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान सोनोवाल और  फडणवीस ने पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र में बंदरगाह एवं पोत परिवहन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की।

बैठक में वाधवन एवं मुंबई बंदरगाह से संबंधित मामलों और लोथल के राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर में महाराष्ट्र तटीय राज्य पैविलियन की स्थापना पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।महाराष्ट्र में सागरमाला परियोजनाओं के पूरा होने के बारे में चर्चा करते हुए  सोनोवाल ने कहा, ‘महाराष्ट्र में 14 सागरमाला परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कार्य में तेजी लाने पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। इन परियोजनाओं में करीब एक साल की देरी हो चुकी है। हम इन कार्य बिंदुओं को प्राथमिकता देते हुए महाराष्ट्र में सागरमाला परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में समुद्री बुनियादी ढांचे को बेहतर करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।’

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सागरमाला कार्यक्रम के तहत 1,13,285 करोड़ रुपये की 126 परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। इन 126 परियोजनाओं में से 2,333 करोड़ रुपये की 46 परियोजनाएं आंशिक रूप से पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित हैं। इनमें 1,387 करोड़ रुपये की 37 परियोजनाएं महाराष्ट्र सरकार के अधीन हैं। 279 करोड़ रुपये की 9 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 777 करोड़ रुपये की 18 परियोजनाएं कार्यान्वयन चरण में और 331 करोड़ रुपये की 10 परियोजनाएं विकास चरण में हैं।

महाराष्ट्र में रो-रो/ रो-पैक्‍स/ पैसेंजर फेरी के परिचालन के लिए आवश्‍यक बंकर ईंधन पर वैट में छूट/ रियायत देने पर भी विस्तृत चर्चा की गई। फेरी संचालन की कुल ईंधन लागत में इसका योगदान 20 प्रतिशत से अधिक है।

बैठक के दौरान महाराष्ट्र में आगामी वाधवन बंदरगाह के विकास पर भी चर्चा की गई। वाधवन के पास 18 मीटर से अधिक का प्राकृतिक तलछट है जो बंदरगाह पर काफी बड़े कंटेनरों और कार्गो जहाजों की आवाजाही को आसान बनाता है। इससे प्रमुख शिपिंग लाइनों के लिए भारत को एक प्रमुख गंतव्य बनाने के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य में कार्गो की वृद्धि को समायोजित करने के लिए आवश्यक क्षमता प्रदान करने में मदद मिलेगी।

सोनोवाल ने कहा, ‘हमारे माननीय प्रधानमंत्री के व्‍यापक दृष्टिकोण के अनुरूप देश के तटीय राज्यों की समुद्री गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर में एक तटीय राज्य पैविलियन स्‍थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है। यहां महाराष्ट्र के लिए अपनी समृद्ध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर है। यह राज्य प्रायोजित होगा जिसमें महाराष्ट्र सरकार महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।’

सर्बानंद सोनोवाल और  देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में समुद्री क्षेत्र में कौशल विकास और बंदरगाहों के लिए समुद्री मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने पर काफी उपयोगी बातचीत की।महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने विभिन्न मुद्दों को निपटाने और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में जल्द से जल्द तेजी लाने के लिए प्रतिबद्धता जताई।

बाद में  सर्बानंद सोनोवाल ने सभी संबद्ध हितधारकों, सलाहकारों और उप सलाहकारों के साथ लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान इस परियोजना की विभिन्न चुनौतियों और विकास योजना पर चर्चा की गई ताकि इसे समय पर पूरा किया जा सके। साथ ही प्रतिभागियों को निर्देश दिया गया कि वे इस परियोजना के जरिये दुनिया सामने तकनीकी चमत्कार का एक उदाहरण पेश करें और उसकी सराहना करें।

बैठक में मुंबई पोर्ट के अध्यक्ष  राजीव जलोटा, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) के अध्‍यक्ष संजय सेठी, सागरमाला के जेएस  भूषण कुमार और मंत्रालय एवं बंदरगाहों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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