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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता का किया विरोध, लॉ कमीशन को भेजा दस्तावेज

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लखनऊ, 6जुलाई। देश में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता (UCC) का विरोध किया है. AIMPLB ने समान नागरिक संहिता पर एक ड्राफ्ट तैयार किया और बुधवार को लॉ कमीशन को भेज दिया. बोर्ड के प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास ने बताया कि बोर्ड की कार्यसमिति ने गत 27 जून को UCC को लेकर तैयार किए गए प्रतिवेदन के मसौदे को मंजूरी दी थी, जिसे आज ऑनलाइन माध्यम से हुई बोर्ड की साधारण सभा में विचार के लिए पेश किया गया. उन्होंने बताया कि बैठक में इस प्रतिवेदन को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया. उसके बाद इसे विधि आयोग को भेज दिया गया है.

बता दें कि विधि आयोग ने यूसीसी पर विभिन्न पक्षकारों और हितधारकों को अपनी आपत्तियां दाखिल करने के लिए 14 जुलाई तक का वक्त दिया है. हालांकि बोर्ड ने इसे छह महीने तक बढ़ाने की गुजारिश की थी. बोर्ड द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक यूसीसी को लेकर विधि आयोग के समक्ष प्रस्तुत आपत्ति में बोर्ड ने कहा है कि आयोग की तरफ से इस सिलसिले में जारी की गई नोटिस अस्पष्ट और बेहद साधारण सी है.

आयोग ने अपनी मंशा का कोई ब्लूप्रिंट सामने रखे बगैर फिर से इस पर जनमत मांगा है
इसमें कह गया है कि आयोग इससे पहले भी यूसीसी को लेकर जनमत ले चुका है और उस वक्त वह इसी निष्कर्ष पर पहुंचा था कि यूसीसी न तो आवश्यक है और ना ही वांछित, ऐसे में आयोग ने अपनी मंशा का कोई ब्लूप्रिंट सामने रखे बगैर फिर से इस पर जनमत मांगा है, जिसका औचित्य नहीं है. बोर्ड ने अपने प्रतिवेदन में भारत के बहुलतावादी सिद्धांतों, व्यापक विविधता और बहुसांस्कृतिक प्रकृति का जिक्र किया है.

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