फिल्मों की अनधिकृत रिकॉर्डिंग और प्रदर्शन पर रोक लगाने वाला चलचित्र संशोधन विधेयक-2023 संसद में पारित
नई दिल्ली , 01अगस्त। संसद ने चलचित्र संशोधन विधेयक-2023 पारित कर दिया है। लोकसभा ने आज हंगामे के बीच इसे मंजूरी दी। राज्यसभा में ये पहले ही पारित हो चुका है। इस विधेयक में चलचित्र अधिनियम-1952 में संशोधन का प्रावधान है, जिसके तहत केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से जारी प्रमाणपत्र दस वर्ष के लिए वैध होता था। अब यह प्रमाण पत्र हमेशा के लिए वैध माना जाएगा। विधेयक में आयु के आधार पर प्रमाणपत्र की कुछ अतिरिक्त श्रेणियों को जोड़ने का भी प्रावधान है। “ए” या “एस” प्रमाणपत्र वाली फिल्मों को टीवी या केंद्र सरकार से निर्धारित किसी अन्य मीडिया पर दिखाने के लिए अलग से प्रमाण पत्र की जरूरत होगी। विधेयक में फिल्मों की अनधिकृत रिकॉर्डिंग और प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।
अनधिकृत रिकॉर्डिंग करने की कोशिश करने को अपराध माना जाएगा, जिसमें तीन महीने और तीन साल के बीच तक की जेल की सजा हो सकती है। साथ ही तीन लाख रुपये तक और फिल्म की सकल उत्पादन लागत का पांच प्रतिशत जुर्माने के रूप में देना होगा।
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि विश्व में भारतीय फिल्मों की विश्वसनीयता काफी बढ़ी है और देश में बड़ी संख्या में फिल्में बन रही है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि इस विधेयक से फिल्म उद्योग से जुड़े हर व्यक्ति को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इससे पायरेसी पर रोक लगेगी, जिससे फिल्म उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि पायरेसी के कारण फिल्म उद्योग को हर साल लगभग 22 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि इस विधेयक में फिल्मों की अनधिकृत रिकॉर्डिंग पर प्रतिबंध लगाने तथा लाइसेंस देने की प्रक्रिया को आसान करने का प्रावधान है।
ऑसकर फिल्मों में भारतीय फिल्मों तथा वृत्तचित्र की उपलब्धि की सराहना करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि फिल्म आरआरआर और वृत्तचित्र द एलिफेंट व्हिस्परर्स ने विश्व मंच पर देश को ख्याति दिलाई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में भारतीय फिल्म उद्योग को और अधिक पुरस्कार मिलेंगे।अनुराग सिंह ठाकुर ने सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए विपक्ष की आलोचना की। इससे पहले विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा के मनोज तिवारी ने कहा कि इससे पायरेसी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। बहुजन समाज पार्टी के राम शिरोमणि वर्मा, शिवसेना के कृपाल बालाजी, स्वतंत्र सदस्य नवनीत राणा तथा अन्य सदस्यों ने भी विधेयक का समर्थन किया।
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