[post-views]

`सरकार ने 8 करोड़ युवाओं को स्वरोजगार के लिए 20 लाख करोड़ रुपये की सहायता दी: नरेन्द्र मोदी

`प्रधानमंत्री ने भारत के विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का श्रेय भारत के 140 करोड़ लोगों के प्रयासों को दिया

89

नई दिल्ली ,16अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 77वें स्वाधीनता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से संबोधित करते हुए भारत के विश्व की 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का श्रेय भारत के 140 करोड़ लोगों के प्रयासों को दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस सरकार ने राजस्व रिसाव को रोका, मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण किया और गरीबों के कल्याण के लिए अधिक से अधिक धन व्यय किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं आज लोगों से कहना चाहता हूं कि जब देश आर्थिक रूप से समृद्ध हो जाता है, तो केवल राजकोष ही नहीं भरता; इससे राष्ट्र और उसके लोगों की क्षमता भी बढ़ती है। यदि सरकार अपने नागरिकों के कल्याण के लिए एक-एक पैसा खर्च करने का संकल्प ले तो इसके परिणाम अपने आप सामने आएंगे। 10 साल पहले तक भारत सरकार राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपये भेजती थी। पिछले 9 साल में यह राशि 100 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गयी है। इन आंकड़ों को देखकर आपको लगेगा कि क्षमता में बड़ी वृद्धि के साथ इतना बड़ा रुपांतरण हुआ है!”

स्व-रोज़गार के मोर्चे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “युवाओं को अपने व्यवसाय हेतु स्वरोजगार के लिए 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक दिए गए हैं। 8 करोड़ लोगों ने नया व्यवसाय शुरू किया है और इतना ही नहीं, हर व्यवसायी ने एक या दो लोगों को रोजगार प्रदान किया है। इस प्रकार, (प्रधानमंत्री) मुद्रा योजना से लाभान्वित होने वाले 8 करोड़ नागरिक 8-10 करोड़ नए लोगों को रोजगार देने की क्षमता रखते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 महामारी का उल्लेख करते हुए कहा, “एमएसएमई को कोरोना वायरस के संकट में 3.5 लाख करोड़ रुपये के बराबर के ऋण की मदद से दिवालिया नहीं होने दिया गया। उन्हें मरने नहीं दिया गया, उन्हें शक्ति दी गई।”

नए और आकांक्षी मध्यम वर्ग का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”जब देश में गरीबी कम होती है तो मध्यम वर्ग की शक्ति बहुत बढ़ जाती है और मैं आपको गारंटी के साथ विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले पांच वर्षों में देश विश्व की पहली तीन अर्थव्यवस्थाओं में अपना स्थान बना लेगा। आज साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकलकर मध्यम वर्ग की ताकत बन गए हैं। जब गरीबों की क्रय शक्ति बढ़ती है तो मध्यम वर्ग की व्यापारिक शक्ति बढ़ती है। जब गांव की क्रय शक्ति बढ़ती है तो कस्बे और शहर की आर्थिक व्यवस्था में तेजी आती है। यह आपस में जुड़ा हुआ हमारा आर्थिक चक्र है। हम इसे शक्ति देकर आगे बढ़ाना चाहते हैं।”

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ने कहा, “जब आयकर की (छूट) सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी जाती है तो इसका सबसे बड़ा लाभ वेतनभोगी वर्ग, विशेष रूप से मध्यम वर्ग को प्राप्त होता है।”

प्रधानमंत्री ने विश्व के सामने सामूहिक रूप से आई हाल की समस्याओं को रेखांकित करते हुए कहा, ”विश्व अभी तक कोविड-19 महामारी से उबरा भी नहीं है और युद्ध ने एक नई समस्या उत्पन्न कर दी। आज विश्व महंगाई के संकट से जूझ रही है।”

प्रधानमंत्री ने महंगाई से लड़ने की चर्चा करते हुए कहा, ”भारत ने महंगाई को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की है। हम यह नहीं सोच सकते कि हमारी चीजें विश्व से बेहतर हैं, मुझे अपने देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम करने के लिए इस दिशा में और कदम उठाने होंगे। महंगाई पर काबू पाने के लिए मेरे प्रयास जारी रहेंगे।”

Comments are closed.