केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने बिहार के लखीसराय में पावर ग्रिड सब-स्टेशन के विस्तार की रखी आधारशिला
पटना , 19अगस्त। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने शुक्रवार को बिहार के लखीसराय में पावरग्रिड के 400/132 केवी लखीसराय उप-स्टेशन के विस्तार की आधारशिला रखी। इस उप-स्टेशन का निर्माण पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) द्वारा किया गया है। यह भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है। परियोजना के हिस्से के रूप में, मौजूदा सब-स्टेशन परिसर में 500 एमवीए क्षमता के 2 ट्रांसफार्मर की स्थापना के साथ 220 केवी जीआईएस का निर्माण किया जाएगा।
इस अवसर पर लखीसराय विधायक विजय कुमार सिन्हा; विधान परिषद सदस्य अजय कुमार सिंह; पावरग्रिड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के. श्रीकांत; निदेशक परियोजना, अभय चौधरी और पावरग्रिड और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए, केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि लखीसराय में पावर ग्रिड के सब-स्टेशन के विस्तार से क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता में काफी सुधार होगा। मंत्री जी ने आगे कहा कि इससे पूरे बिहार को फायदा होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए देश की ऊर्जा क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। आर.के. सिंह ने कहा कि बिजली वितरण प्रणालियों को मजबूत करने के लिए केंद्र ने कई कदम उठाए हैं और राज्यों को अपेक्षित धन दिया है।
आर.के. सिंह ने कहा कि लोड शेडिंग का कोई कारण नहीं होना चाहिए, क्योंकि बिजली के उत्पादन और पारेषण के लिए पर्याप्त प्रणालियाँ लगाई गई हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि देश को एक विकसित देश बनना है, मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार ने वितरण लाइसेंसधारियों द्वारा प्रदर्शन के मानकों के उल्लंघन के लिए उपभोक्ताओं को मुआवजे का भुगतान करने का कानून बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि बिजली जनरेटर अतीत की बात बन जाना चाहिए।
लखीसराय में सबस्टेशन के विस्तार से लखीसराय, शेखपुरा, मुंगेर और जमुई जिलों में बिजली की उपलब्धता में सुधार होगा और भविष्य की ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए बिजली की आपूर्ति में भी आसानी होगी। लखीसराय सब-स्टेशन में 220 केवी वोल्टेज स्तर की अत्याधुनिक जीआईएस तकनीक की स्थापना से क्षेत्र की राष्ट्रीय ग्रिड से कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। निर्बाध बिजली आपूर्ति के प्रावधान से क्षेत्र का औद्योगिक और वाणिज्यिक विकास भी होगा।
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