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उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा: उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव

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नई दिल्ली, 01सितम्बर। उपभोक्ता कार्य विभाग ने नई दिल्ली में “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और उपभोक्ता” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लाभों को प्राप्त करते हुए उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के मुद्दों का पता लगाने के लिए उपभोक्ता कार्य विभाग और हितधारकों के बीच रचनात्मक बातचीत की गई।

उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रचलित है और दैनिक जीवन में लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है। इसलिए, उपभोक्ताओं के साथ उनके संबंधों के बारे में इन प्रौद्योगिकियों के प्रभावों के बारे में सावधान रहना और भी अधिक आवश्यक है। कार्यशाला में आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों की निगरानी, उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने की सुविधा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक के उपयोग पर भी चर्चा की गई।

विभिन्न हितधारकों और विशेषज्ञों ने खरीदारी की प्राथमिकताओं की पहचान करने, खरीदारी के स्वरूप, उन्नत अनुशंसाएं, भविष्य में ग्राहकों को होने वाले समर्थन के बारे में चर्चा की गई। इसके के साथ-साथ चर्चा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की चुनौतियों में गोपनीयता संबंधी चिंताएं, डिफॉल्ट/चूक के मामले में दायित्व सौंपने में कठिनाई, लिंग, रंग आदि जैसे मापदंडों पर एल्गोरिथम पूर्वाग्रह और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा विनियमित बैड बॉट्स शामिल थीं।

कर्यशाला में इस बात पर चर्चा की गई कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और आर्थिक विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के बीच संतुलन बनाना है। उत्पादक डेटा प्रबंधन, महत्वपूर्ण मूल्यांकन, सुरक्षित बातचीत, लेखा-परीक्षण और प्रतिष्ठित स्रोतों तथा चिंताओं को व्यक्त करने के लिए मंच सहित सुरक्षा उपायों पर चर्चा की गई। कार्यशाला में आगे कहा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नीति निर्माताओं के लिए चार सबसे बड़ी चुनौतियां एल्गोरिथम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा नौकरियों का प्रतिस्थापन, भ्रामक समाचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कमजोर परिभाषा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए विनियमन होंगी।

दिलचस्प चर्चाओं में निम्नलिखित सुझाव प्रस्तावित किए गए: हमारे संविधान में निहित बुनियादी सिद्धांतों जैसे समानता और गोपनीयता का अधिकार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से प्राप्त डेटा का उपयोग कैसे किया जाना चाहिए, इस पर दैनिक वैधानिक सुरक्षा पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में सरकार द्वारा नियम बनाना, मामलों के वर्गीकरण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना और उन्हें सही विभाग तक पहुंचाना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवाचार के क्षेत्र में सरकार द्वारा नियमों के बीच संतुलन बनाना शामिल था।

उपभोक्ता कार्य विभाग उद्योग हितधारकों और नीति निर्माताओं के बीच चल रहे सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए इस सत्र के परिणामों का लाभ उठाने के लिए तत्पर है। इस आयोजन के दौरान साझा किए गए विचार और सुझाव भविष्य के नीति निर्धारण के लिए एक आधार के रूप में काम करेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नियम उपभोक्ता हितों के अनुरूप हों। विभाग के पास प्रमुख हितधारकों और विषय वस्तु विशेषज्ञों के साथ नियमित रूप से जुड़ने की लंबे समय से चली आ रही प्रथा है।

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