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रक्षा राज्य मंत्री ने मैसूर में ‘सैनिकों के राशन और विशिष्ट पोषण संबंधी आवश्यकताओं के लिए मोटा अनाज’ विषय पर डीआरडीओ सम्मेलन का किया उद्घाटन

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नई दिल्ली ,30 अगस्त। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कर्नाटक के मैसूर में ‘सैनिकों के राशन और विशिष्ट पोषण संबंधी आवश्यकताओं के लिए मोटा अनाज’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का आयोजन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की मैसूर स्थित प्रयोगशाला रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएफआरएल) ने किया है।

इस सम्मेलन में सेना के लिए मोटा अनाज आधारित भोजन को अपनाने के लिए वैज्ञानिक तथ्यों, सैनिकों की तैनाती के इलाकों में स्थायी कृषि-प्रसंस्करण कार्यप्रणालियों के लिए मोटे अनाज की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा और मोटे अनाज प्रसंस्करण में चुनौतियों की पहचान करना व समाधान करना; निरंतर पोषण और खाद्य सुरक्षा के लिए संरक्षण व भंडारण के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा। यह सम्मेलन बेहतर स्वास्थ्य और सहनशक्ति के लिए सेनाओं के आहार में मोटा अनाज को शामिल करने के लिए अभिनव तरीकों की पहचान करेगा और अनुसंधान संगठनों, सरकारी एजेंसियों, नीति निर्माताओं एवं आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधकों के बीच मोटा अनाज-आधारित उद्यमों पर चर्चा की सुविधा प्रदान करेगा।

अपने संबोधन में, रक्षा राज्य मंत्री ने स्वास्थ्य के लिए मोटे अनाज के महत्व पर जोर दिया और कहा कि रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला न केवल जनता के बीच जागरूकता फैला रही है, बल्कि यह सशस्त्र बलों के कर्मियों को उनकी पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मोटे अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम कर रही है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने इस तथ्य की सराहना की कि सेनाएं अपने राशन में मोटे अनाज को अपनाने पर विचार कर रही हैं और आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में सशस्त्र बलों के राशन में मोटे अनाज और उससे बने उत्पादों के पोषण संबंधी पहलुओं व कार्यान्वयन के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा।

उद्घाटन समारोह के दौरान भारत के मिलेट मैन के नाम से प्रसिद्ध पद्मश्री प्रोफेसर खादर वल्ली डुडेकुला भी उपस्थित रहें। उन्होंने मानवता की भलाई और रोग मुक्त जीवन के लिए मोटे अनाज के महत्व पर प्रकाश डाला।

डीआरडीओ के महानिदेशक (जीवन विज्ञान) ने अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के अनुरूप सम्मेलन के महत्व के बारे में बात की और कहा कि इस सम्मेलन के साथ मोटे अनाज के बारे में और जागरूकता बढ़ेगी। सेना मुख्यालय के एडीजी एसटी (एसएम) ने सम्मेलन के आयोजन के लिए डीएफआरएल की सराहना की और सेना के राशन में मोटे अनाज के उपयोग की आवश्यकता के बारे में बताया।

इस सम्मेलन के प्रमुख तकनीकी विषयों में मोटे अनाज के पोषण और स्वास्थ्य लाभ, मोटे अनाज को लेकर सैनिकों के राशन संबंधित मुद्दों, चुनौतियों, अवसरों; मोटे अनाज के प्रसंस्करण और मूल्य वर्धित उत्पादों में हालिया प्रगति; हितधारकों के बीच आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की नेटवर्किंग; और मोटे अनाज को बढ़ावा देने में नीतिगत उपाय शामिल हैं।

इस अवसर पर, रक्षा राज्य मंत्री ने रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएफआरएल) द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया, जिसमें 17 उद्योग भाग ले रहे हैं। उन्होंने डीएफआरएल द्वारा विकसित देश में पहली बायोडिग्रेडेबल पानी की बोतल भी लॉन्च की। अजय भट्ट की उपस्थिति में डीआरडीओ अध्यक्ष द्वारा उद्योग को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए विभिन्न लाइसेंसिंग समझौते सौंपे गए। इस सम्मेलन में सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों के कर्मी, डीआरडीओ के वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और उद्योग भागीदार भाग ले रहे हैं।

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