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दशहरा पर स्वयं के अंदर का अहंकार, बुराई, और दुष्ट गुणों को जला देना चाहिए : शरद गोयल

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बादशाहपुर, 25 अक्तूबर (अजय) : हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरुग्राम में जगह जगह रावण दहन कर लोगों ने धूमधाम से दशहरा मनाया जोकि हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार भी है। दशहरा से पहले देशभर में नौ रातों तक रामलीला के माध्यम बुराई पर अच्छाई की जीत और रावण रूपी अहंकार का किस प्रकार नाश होता है वह रामलीला के माध्यम लोगों को दिखाया जाता है, जिससे हमे बड़ी सिख लेने की जरूरत है। उक्त बातें नेचर इंटरनेशल संस्था के अध्यक्ष शरद गोयल ने कही, उन्होंने कहा कि रामलीला में प्रभु राम का चित्रण किया जाता है। शरद गोयल ने कहा कि हम हमे अपने अंदर के रावण जैसे दुष्ट स्वभाव को नष्ट करना चाहिए। हमें अहंकार, बुराई, और अन्य दुष्ट गुणों को जला देना चाहिए। इसके लिए हमें दशहरा के दिन अपने आप को साफ करने, भलाई की ओर बढ़ने और दुष्ट अचारों से परहेज करना चाहिए। हमे अपने जीवन में बुरे संगीन और अच्छे आचरणों के साथ अपने मकसद को प्राप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए। रावण दहन का मुख्य उद्देश्य रावण रूपी अहंकार और बुराई को खत्म करने का संदेश दिया जाता है। रावण दहन एक पुरानी परंपरा है जो बुराई और अच्छाई के बीच युद्ध को प्रतीकित करती है। इसलिए लोग भगवान श्री राम और उनके सेनानियों की विजय को याद करते हैं और बुराई को जलाकर उसे जीत का प्रतीक बनाते हैं। रावण दहन सामाजिक समरसता, अच्छे कार्यों को प्रोत्साहित करना और बुराई को नष्ट करना का संकेत होता है।

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