[post-views]

गुरुग्राम शहर के मन्दिरों में मंगलवार को रही अन्नकूट त्यौहार की धूम

2,565

बादशाहपुर, 14 नवम्बर (अजय) : गुरुग्राम शहर भारत का एक सुपर नगर, धार्मिक आवश्यकताओं, त्यौहारों और विभिन्न समाज के लोगों द्वारा पूजाओं की फलवती भूमिका निभाता है। विशेषकर हर वर्ष दीपावली के अगले दिन गोवर्धन अन्नकूट प्रसाद बनाने को यहां भारी मात्रा में लोग सुबह से ही महिलायें एवं पुरुष श्रमदान कर प्रसाद तैयार करते है।

 गोवर्धन अन्नकूट की प्रसाद वितरण की परम्परा यहाँ हजारों वर्षों से चली आ रही है, जिसको भगवान कृष्ण की उपासना के रूप में देखा जाता है। हिन्दू धर्म संप्रदाय में भगवान कृष्ण को गोवर्धन पर्वत का सेवक माना जाता है। उन्होंने हमेशा दरिद्र और दीनों की रक्षा की है और उनका पर्वत एक प्रतीक स्थापित करने के लिए हर वर्ष लोगों द्वारा श्रद्धा के साथ गोवर्धन मनाने के साथ साथ जगह जगह अन्नकूट प्रसाद वितरण कर सेवा की जाती है।

 अन्नकूट प्रसाद के बनाने की प्रक्रिया गुरुग्राम, बादशाहपुर सहित विभिन्न जगहों पर सुबह 4 बजे से लोग लग जाते है। यह प्रसाद वितरण श्रद्धालुओं के द्वारा दी गई भक्ति का परिचय होता है, जोकि विश्वास और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह प्रसाद न केवल भोजन है, बल्कि भक्तों की अनवरत भक्ति और साधना का प्रतीक है। हर वर्ष गोवर्धन अन्नकूट मनाने वाले श्रद्धालुओं का भगवान के प्रति उनके निरंतर समर्पण का प्रतीक है।

Comments are closed.