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हड़ताल के बीच नरक निगम बना गुरुग्राम शहर, सरकार-प्रशासन मौन

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गुरुग्राम में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते जगह जगह फेली कूड़े के ढेर की वजह से पैदा हो रही बाधाओं के कारण गुरुग्राम शहर स्वच्छता के महत्वपूर्ण पहलुओं से आज पूरी तरह से वंचित हो चूका है। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते, कूड़े के ढेरों ने शहर की सड़कों, चौराहों और आवासीय क्षेत्रों को घेर लिया है। ऐसी स्थिति में नागरिकों को अस्वच्छता के बावजूद अपने दैनिक जीवन को संभालने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इससे बिमारियों का खतरा भी बढ़ता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर बूरा प्रभाव अतिरिक्त पड़ रहा है।

अटलबीर कटारिया कहते है कि साइबर सिटी से कूड़ा सिटी बन चूका गुरुग्राम शहर अस्वच्छता की यह स्थिति न केवल नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है, बल्कि वातावरणीय दृष्टिकोण से भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। जहां शहर की हवा पहले से जहरीली है वही आज शहर के कूड़े के ढेर पर्यावरण को और नुकशान पंहुचा रहा है।

फोटो : अटलबीर कटारिया

सुमित कपूर कहते है कि शहर में आज गंदगी से हालात बद से बदतर हो चुके है, प्रशासनिक अधिकारीयों को जल्द से जल्द इसका समाधान निकालकर शहर को साफ़ कराने का कार्य करना चाहिए, ताकि लोगों को हो रही दिक्कतों से जनता को समस्यां से निजात मिल सके।

फोटो : सुमित कपूर

शमशेर कटारिया कहते है कि सरकार व प्रशासन को उचित निर्णय लेकर हड़ताल पर गये कर्मचारियों के साथ तत्काल समझौता करना चाहिए। प्रशासन को कर्मचारियों से बातचीत कर समाधान की तरफ बढ़ना चाहिए। इससे स्थाई समाधान मिलेगा और ऐसी परिस्थितियां भविष्य में नहीं आएंगी।  

फोटो : शमशेर कटारिया

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