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प्रदुषण से बनी आसमान में सफेद परत से लोगों को हो रही मुश्किलें

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बादशाहपुर, 14 नवम्बर (अजय) : दीपावली बाद से सोहना रोड सहित पुरे गुरुग्राम के आसमान में सफेद घने धुंध की चादर बिछ गई है। यह सफेद चादर प्रदूषित हवा की वह तस्वीर है जिसको अपने अंदर सांस के रूप में लेने से हम लोग बीमारी की तरफ बढ़ रहे है। यह प्रदूषित हवा यह सिद्ध कर रही है कि वायु प्रदुषण ने किस प्रकार से हमारे पर्यावरण को प्रभावित किया है। परिणाम स्वरूप हमारे लिए अब सांस लेना और मुश्किल हो गया है। दीपावली पर पटाखें जलने से गुरुग्राम शहर की हवा और ज्यादा प्रदूषित हो गई है।

 चिकित्सकों के अनुसार मास्कहीन लोगों के लिए यह मुश्किल समय है। प्रदुषण एक ऐसी ज्वलंत समस्या है जिसका प्रभाव हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गहरा होता है। वायु प्रदुषण, जल प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण आदि, सभी अपनी-अपनी तरह से नकरात्मक प्रभाव डालते हैं। ये प्रदुषण निमोनिया, अस्थमा, कैंसर, हृदय रोगों, चर्म रोगों और मानसिक समस्याओं जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इस प्रदूषित हवा से आँखें जलन कर रही है और घुटन भरी साँसे महसूस हो रही है। घर से बाहर निकलना एक संघर्ष हो गया है, जैसे कि हम अपनी खुद की सांस लेने में संघर्ष कर रहे हैं। शिक्षा संस्थान, व्यावसायिक संस्थान, और अन्य संगठनों ने आवश्यकतानुसार ही अब घर से जरूरत पर ही निकलते हुए दिखाई पड़ रहे है।

 नेचर इंटरनेशनल के अध्यक्ष शरद गोयल कहते है कि हमें वायु प्रदुषण को रोकने के लिए एक मौजूदा और दिर्घकालिक योजना की जरूरत है। हमें पेड़ लगाने, प्रदूषण वाले क्रियाकलापों को कम करने, और पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए एक सशक्त नीति और उचित कार्यक्रम तैयार करने की आवश्यकता है। प्रदूषण रोकने के लिए सबसे कारगर उपाय होगा प्रदूषण की स्रोत को ही कम करना। यानी कि हमें कम प्लास्टिक उपयोग करना होगा, पेड़ पौधों का अधिक से अधिक रोपण करना होगा, और ऊर्जा संरक्षण के लिए कदम उठाने होंगे।

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