बादशाहपुर, 17 नवम्बर (अजय) : गुरुग्राम शहर में बंदरों की लगातार बढती संख्या लोगों के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है, अब तो आलम यह है कि बंदर घरों की छत के आलावा गली मोहल्लों में निचे घूमते है और रास्तों से गुजरने वाले लोगों पर हमला तक कर देते है, बंदरों का झुड देकर अक्सर लोग गलियों से निकलना भी बंद कर देते है प्रशासन को इस समस्यां पर ध्यान देते हुए जल्द से जल्द इसके समाधन की तरफ बढना चाहिए, ताकि लोगों में बंदरों का खोफ कम हो सके।
बादशाहपुर गाँव में ख़ासतौर से बंदरों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है, जहां बंदरों के उत्पात के चलते आम जीवन को संघर्ष के रूप में बना दिया है, या फिर ये कहे लोगों को बंदरों के उत्पात के चलते एक असामान्य संघर्ष से गुजरन पड़ रहा है। यहाँ पर बंदरों के उत्पात ने स्थानीय निवासियों के जीवन को और भी अस्थिर कर दिया है। घरों की छतों पर जाने से लोग डरते है बच्चों के लिए तो छत पर जाना ही सुरक्षित नही है। लोगों का कहना है कि लोग डर और चिंता के साये में अपनी रोजाना की छोटी-छोटी खुशियों को खो बैठे हैं। अपने घरों की छतों पर खेलने वाली मस्तियों के लिए बच्चे उन अवसरों को भी छोड़ चुके हैं, उनके चेहरे से मुस्कान फिसल गई है। बुजुर्ग अब घरों के अंदर बंद हो गए हैं, उनकी सूजी आँखें अब हर समय डर का इंतजार करती हैं। लोग बंदरों के उत्पात से परेशान हैं, पर फिर भी निवासियों ने सहनशीलता और दृढ़ता से सामना करने का मनोबल बनाए रखा है। वर्तमान में तो हालात यह है कि अब तो बंदर छतों को छोड़कर गलियों में धूमते है और किसी को भी अपना शिकार बनाकर चोटिल कर देते है। बावजूद इसके सेकड़ों शिकायतों के बाद भी प्रशासन इस सच्चाई के रूप को स्वीकार करने के लिए तैयार नही है, इसी के बावजूद आजतक नगर निगम प्रशासन ने बादशाहपुर में बढ़ते बंदरों के उत्पात को लेकर कोई उचित कदम नही उठाये ताकि लोग खुद को अपने घरों में सुरक्षित महसूस कर सके। लोगों ने निगम आयुक्त और जिला उपायुक्त से जल्द से जल्द बंदरों के उत्पात से निजात दिलाने की मांग की है।
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