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भाजपा के मजबूत संगठन के बावजूद कांग्रेस ने दी बड़ी चुनौती, संगठन पर उठ रहे सवाल !

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बादशाहपुर, 6 जून (अजय) : हालही में सम्पन हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने बड़े ही अहम तरीके से बीजेपी को गुरुग्राम सहित पुरे हरियाणा में बड़ी चुनौती दी। यह खासकर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस के पास गुरुग्राम सहित अन्य जिलों में भी न तो कोई संगठन था और न ही कोई जिला अध्यक्ष। बावजूद इसके कांग्रेस ने महज 9 दिनों की छोटी सी अवधि में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई, और बड़े ही शानदार तरीके से चुनाव लड़कर भाजपा के विशाल संगठन को बड़ी चुनोती देते हुए मंडल, कमडल तथा पन्ना प्रमुखों तक अपना दबदबा रखने वालों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।  चौंकाने वाली बात यह है कि बीजेपी जिसके पास केवल गुरुग्राम नही बल्कि अन्य जिलों में भी एक जिला अध्यक्ष नही बल्कि विभिन्न मोर्चों के जिला अध्यक्ष थे, यहां तक की हर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सहित उनकी कार्यकारणी व् पन्ना प्रमुख, जिला सयोंजक, मडल अध्यक्ष, शक्ति केंद्र प्रमुख स्तर तक कार्यकर्ताओं का व्यापक नेटवर्क था,  उसके बावजूद कांग्रेस की चुनौती ने सभी चौंका दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा कार्यकारणी की कार्यशेली ने बीजेपी के विशाल संगठन और उसकी कार्यशैली पर कई तरह के सवालों के घेरे में आ गई है। एक जानकारी के अनुसार गुरुग्राम में राव इंद्रजीत का खेमा व फरीदबाद में कृष्णपाल गुज्जर का खेमा सहित अन्य जिलों में भी सांसद चुनाव लड़ने वाले नेता के मुख्य समर्थक अपने संगठन की कार्यशेली पर सवाल खड़े करते दिखाई पड़ रहे है, जिसकी हर जिले स्तर पर कार्यकर्ताओं व् पदाधिकारियों की रिपोर्ट तैयार करके भेजी जा रही है।

कांग्रेस ने बिना मजबूत संगठन के जो भी प्रदर्शन किया, वह बीजेपी संगठन के लिए बड़ा सबक है। गुरुग्राम में कांग्रेस ने अपने समर्थकों और नेताओं को एकजुट करते हुए, कम समय में जो मेहनत की उसका फल उन्हें मिला है, भले ही गुरुग्राम में कांग्रेस पार्टी चुनाव हार गई हो लेकिन उन्हें जो वोट मिले उसने गुरुग्राम सहित अन्य जिलों में भी जनता का ध्यान खीचने का कार्य किया है। लोगों में चर्चा है कि भाजपा के संगठन पदाधिकारी लोगों के बीच जाकर भाजपा की नीतियों को ठीक तरह से जनता को समझा नही पाए जिसके चलते भाजपा को कांग्रेस प्रत्याशी से बड़ी चुनोती मिली। राजनितिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह कांग्रेस का आत्मविश्वास और जमीनी जुड़ाव है जिसने 5 लोकसभा में कांग्रेस पार्टी को इतनी बड़ी सफलता दिलाई। दूसरी ओर बीजेपी के संगठन की कार्यशैली और उसकी रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। क्या वजह थी कि इतने बड़े तंत्र के बावजूद बीजेपी कांग्रेस से पिछड़ गई। बीजेपी के अंदरखाने भी इस पूरे मामले को लेकर हलचल है। जानकारी के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ नेता इसे गंभीरता से ले रहे है और इस पर मंथन करने की बात कह रहे है। राजनीतिक पंडितों की माने तो लोकसभा चुनाव के आये परिणाम के बाद बीजेपी को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा, ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में उन्हें फिर से ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।

यह चुनाव परिणाम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बता रहा है कि मजबूत संगठन सिर्फ चुनावी जीत का पैमाना नहीं है। कभी-कभी जमीनी मेहनत, समर्पण और जनता के साथ सीधा संवाद भी बड़ी जीत दिला सकता है। हरियाणा की 5 लोकसभा के परिणाम ने यह साबित कर दिया है कि राजनीति में किसी भी परिस्थिति में बदलाव संभव है और कमजोर नजर आने वाले भी बड़े कारनामे कर सकते हैं। कांग्रेस की यह जीत अन्य क्षेत्रों में भी पार्टी को बल प्रदान करेगी और बीजेपी के लिए यह आत्ममंथन का समय होगा। हालाकि गुरुग्राम में भाजपा संगठन के कई पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा इस लोकसभा चुनाव में कड़ी मेहनत की गई है जोकि धरातल पर दिखी भी है, जिसको पार्टी संगठन और खुद लोकसभा उम्मीदवार ने महसूस भी किया है। भाजपा के काफी पदाधिकारियों ने बिना स्वार्थ के भाजपा पार्टी के प्रति अपनी आस्था जताते हुए भीषण गर्मी में भी जनता में डोर टू डोर वोट मांग कर अपनी जिम्मेदारी निभाई है।

भाजपा पार्टी का वर्जन :

गुरुग्राम जिले से हम चारों विधानसभा में बड़े मार्जन से जीतकर निकले है, जोकि पार्टी संगठन का ही परिणाम है, भाजपा संगठन के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने गुरुग्राम सहित पुरे हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बूथ एजेंट से लेकर चुनावी हर जिम्मेदारी पर खरा उतरे और जनता में वोट मांगने के लिए भीषण गर्मी में भी कड़ी मेहनत की है, भाजपा पार्टी के मजबूत संगठन के बदौलत पार्टी ने गुरुग्राम में जीत हासिल की कुछ लोग अफवाह उड़ाकर पार्टी संगठन को बदनाम करना चाहते है, संगठन इस पर ध्यान ही देता।

कमल यादव, जिला अध्यक्ष भाजपा गुरुग्राम

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