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अवैध यूनिपोल को हटाने में निगम प्रशासन क्यों कर रहा खानापूर्ति ! बड़ा सवाल

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बादशाहपुर, 7 जून (अजय) : गुरुग्राम में अवैध विज्ञापनों को हटाने के अभियान का मुद्दा सुर्खियों में है। निगम अधिकारी अवैध विज्ञापनों को हटाने में महज खानापूर्ति कर रहे हैं और इस कारण निगम प्रशासन को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। अधिकारीयों की कार्यशेली पर कई तरह के सवालियां निशान खड़े हो रहे है, जिस पर निगम आयुक्त को संज्ञान लेने की जरूरत है, निगम अधिकारी केवल दिखावे के लिए अवैध विज्ञापनों को हटाने का अभियान चला रहे हैं। जानकारी के अनुसार वास्तविकता में शहर में विभिन्न जगहों पर सेकड़ों अवैध यूनिपोल और अवैध विज्ञापन पूरी तरह से हटाए नहीं जा रहे हैं या फिर उन्हीं को हटाया जा रहा है जिनका प्रभाव सीमित है। इससे कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह सब किसी को बचाने के प्रयास में किया जा रहा है, या फिर इसमें अधिकारीयों की विज्ञापन माफियोँ के साथ सांठ गांठ है। शहर में विज्ञापन शाखा की टीमें युनिपोल से केवल विज्ञापन की फिल्म फाड़ कर अपनी ड्यूटी पूरी कर रही है जबकि नियमों के अनुसार युनिपोल को भी काटकर पूरी तरह से अवैध विज्ञापन हटाना चाहिए, लेकिन निगम प्रशासन द्वारा ऐसा नही किया जा रहा। इस मामले पर हमारी मुहीम लगातार जारी रहेगी और अवैध विज्ञापन माफियाओं का खुलासा किया जाता रहेगा, निगम प्रशासन के अधिकारीयों की कार्यवाही पर भी निगरानी के साथ आम जनता तथा प्रशासन के उच्च अधिकारीयों तक मामले को लाया जाएगा। अवैध विज्ञापनों के चलते निगम प्रशासन को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान सहना पड़ रहा है। निगम प्रशासन के नियमों के अनुसार, हर विज्ञापन के लिए एक तय शुल्क होता है, जो अवैध विज्ञापन लगाने वाले नहीं चुका रहे हैं। इससे नगर निगम को करोड़ों रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है। गुरुग्राम में विज्ञापन शाखा की नई टीम भी पुरानी टीम की तर्ज़ पर काम कर रही है। नई टीम भी केवल खानापूर्ति में जुटी है और अवैध विज्ञापनों को पूरी तरह हटाने के लिए गंभीर कदम नहीं उठा रही है। इस कारण से अवैध विज्ञापन का मसला जस का तस बना हुआ है।  हालाकि निगम प्रशासन के अधिकारिओं का कहना है कि उन्हें अभी जिम्मेदारी मिली है सभी जगह से अवैध युनिपोल और विज्ञापन हटा दिए जायेगें।

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