गुरुग्राम, 9 जून (अजय राठौर) : लखेरा समाज के नाथूराम चौहान जिन्हें समाज के लोग अन्ना हजारे के नाम से जानते हैं, जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा लखेरा समाज सेवा और कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। हरियाणा के मिडकोला गांव में जन्मे और पले-बढ़े नाथूराम चौहान ने अपनी युवा अवस्था से ही समाज के प्रति अपने दायित्वों को समझते हुए समाज कल्याण के कार्यों में खुद को झोंक दिया। उनके अथक प्रयासों और समर्पण ने लखेरा समाज में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं। नाथूराम जी को लोग नत्थूराम भी बोलते है, उन्होंने समाज के बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किए तो वही समाज के लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़े रखने में अहम भूमिका निभाई है। उनके द्वारा समाज में स्थापित की गई कई नीतियों का समाज के लोग आज भी अनुसरण कर रहे है जोकि लखेरा समाज के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।
समाज के वृद्ध और योग्य बच्चों को सम्मानित करने का प्रचलन उन्होएँ अपने समाजिक कार्यक्रम से आरम्भ कर सराहनीय कार्य किये। नत्थूराम चौहान का मानना है कि समाज की उन्नति तभी संभव है जब प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर और सुविधाएं प्राप्त हों। लखेरा समाज के लोग नत्थूराम चौहान के योगदान को कभी भुला नहीं सकते। उनके कार्य और समर्पण ने समाज में एक नई जागरूकता और एकता का संचार किया है। उनके द्वारा किए गए कार्य युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं, और समाज के सभी युवाओं को उनके कार्यों से प्रेरणा लेकर समाज कल्याण के क्षेत्र में आगे आना चाहिए। आज वृद्ध अवस्था में भी नत्थूराम चौहान समाज के लोगों से काफी वक्त तक समाजहित की बातों को लेकर ही चर्चा करते है, जोकि उन्हें और भी अलग बनाता है। नत्थूराम चौहान का जीवन और उनके कार्य हमें यह सिखाते हैं कि निस्वार्थ सेवा और समर्पण से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। उनके जैसे लोग ही सच्चे अर्थों में समाज के नायक होते हैं, जो अपने कार्यों से समाज को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं। नत्थूराम चौहान का जीवन और उनके कार्य हमें यह सिखाते हैं कि निस्वार्थ सेवा और समर्पण से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। उनके जैसे लोग ही सच्चे अर्थों में समाज के नायक होते हैं, जो अपने कार्यों से समाज को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं।
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