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संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा 25 जून : अजीत यादव

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गुरुग्राम, 14 जुलाई (ब्युरो) : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। इस दिन को 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा थोपे गए आपातकाल की स्मृति में मनाया जाएगा। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। भाजपा नेता अजीत यादव ने कहा 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने देश पर इमरजेंसी थोप दी थी, जो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय है। इस दौरान देश के लोगों ने अत्याचार और दमन का सामना किया था। उन अत्याचार सहने वाले लोगों के लिए यह दिन एक श्रद्धांजलि होगी।

  यादव ने कहा कि आपातकाल के दौरान लाखों लोगों को बिना किसी कारण जेल में डाल दिया गया था, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया था, और नागरिक अधिकारों का हनन किया गया था। “हम उन सभी वीरों को याद करेंगे जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया और जिन्होंने अत्याचार सहन किए। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य जनता को इस दिन की ऐतिहासिक घटनाओं की याद दिलाना है और यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

  अधिसूचना के अनुसार इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से उन लोगों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने आपातकाल के दौरान अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी। अजीत यादव ने कहा यह दिन न केवल हमारे इतिहास को याद करने का है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने का है कि हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहें। यह हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए। 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में चर्चा तेज हो गई है। कई संगठन और नागरिक समाज समूह इस दिन को मनाने के लिए समर्थन दे रहे हैं। भाजपा के इस कदम का उद्देश्य यह भी है कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को उस कठिन समय की जानकारी दी जाए, ताकि वे लोकतंत्र के महत्व को समझ सकें और उसे सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत रहें। इस दिन आपातकाल के दौरान हुए घटनाओं और संघर्षों को प्रदर्शित किया जाएगा। देशभर में 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की इस पहल से भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने और जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।

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