PBK NEWS | नई दिल्ली । तमाम आशंकाओं और तर्को को दरकिनार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को इजरायल की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। स्वाधीनता की करीब समान उम्र और 25 साल के कूटनीतिक रिश्तों के बावजूद 70 साल में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजरायल यात्रा है। यात्रा पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने इजरायल के साथ रिश्तों को खास बताया। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से दोनों देश एक-दूसरे के और करीब आएंगे।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मोदी के दौरे को लेकर खासे उत्साहित हैं। सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उन्होंने इसे ऐतिहासिक दौरा बताया। भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर उन्होंने कहा- इजरायल स्वागत को तैयार है। तीन दिवसीय दौरे के बाद मोदी इजरायल से ही जर्मनी के लिए रवाना होंगे, जहां वह जी 20 देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इजरायल भारत से रिश्तों को लेकर हमेशा उत्सुक रहा।
लेकिन, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक कारणों से भारत के मन में हमेशा आशंका बनी रही। हाल के दशकों में दोनों देशों के बीच व्यापार तेजी से बढ़ा है। फिर भी राजनीतिक तौर पर मेल-मिलाप को लेकर हिचक बनी रही। कारण इजरायल के अरब देशों से कटुतापूर्ण रिश्ते बने तो भारत की उन्हीं अरब मुल्कों पर पेट्रोलियम पदार्थो के लिए निर्भरता रही।
भारत के राजनीतिक वातावरण में मुस्लिम मतों को नाराज नहीं करने की मानसिकता भी एक कारण रही। लेकिन, आतंकवाद के दौर में बने नए वैश्विक परिदृश्य में इजरायल भारत का बड़ा साझीदार बनकर उभरा। रूस के बाद वह भारत को सबसे बड़ा रक्षा सामग्री का निर्यातक है।
इन समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर
- भारत और इजरायल के बीच कारोबार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए 40 मिलियन डॉलर का साझा कोष बनाया जाएगा।
- भारतीय फिल्मकार यदि फिल्मों की शूटिंग करने के लिए इजरायल जाएंगे, तो उन्हें वहां छूट देने के लिए समझौता होगा।
- पर्यटन को बढ़ावा देने और जल व कृषि क्षेत्र में संयुक्त सरकारी परियोजना शुरू करने को लेकर समझौता होगा।
- नई खोज, विज्ञान, तकनीक और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के कई समझौते होने की उम्मीद है।
- वायु संपर्क और निवेश बढ़ाने को लेकर भी समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। भारत इजरायल में अपना सांस्कृतिक केंद्र खोलेगा।
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