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मानव एवं जीव जंतुओं के लिए घातक गुड़गांव का बढ़ता प्रदुषण

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प्रदूषित शहरों में दुनिया के 50 देशों में गुडगाँव 25वें स्थान पर पहुंचा

गुड़गांव, 7 जुलाई (अजय) : बिल्डरों तथा वाहनों से निकलता धुंआ आज गुडगाँव की फिजा को जहरीली करते हुए मानव एवं जीव जंतुओं के लिए घातक शाबित हो रहा है आये दिन दमा, अस्थमा तथा अन्य सांस के रोगी गुडगाँव में तेजी से बढ़ रहे है एन.जी.टी द्वारा भले ही चेतावनी के साथ साथ गुडगाँव के प्रदुषण नियन्त्रण विभाग को हिदायतें जारी की जा रही हो लेकिन विभाग गहरी निंद्रा में सोया हुआ है गुडगाँव एवं मानेसर क्षेत्र में जमकर प्रदुषण को लेकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हो लेकिन विभाग अपने कार्यालय में ही बेठ कर नियमों को फाइलों में पूरा करने का दावा कर रहा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग की तरफ से बिल्डरों तथा अन्य संस्थानों को कार्यालय में बेठ कर सांठ-गांठ करके एन.ओ.सी. दे दी जाती है जिससे विभाग की तो जेब गर्म हो रही लेकिन गुडगाँव का प्रदुषण दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है

विभाग की एडवाजरी

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की माने तो शहर की आवोहवा में सल्फर डाइआक्साइड 80, नाइट्रोजन आक्साइड 80 के अलावा संस्पेडेड पार्टीकल्स ऑफ मैटर की मात्रा मानक के अनुरूप PM 2.5 लिमिट 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होनी चाहिए, जो कि कई गुना बढ़ चुकी है।

रिपोर्ट के अनुसार प्रदुषण ग्राफ में हुई बढ़ोतरी

पिछले साल जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदुषण स्तर को जांचने वाले एजेंसी नमबियो की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 50 प्रदूषित शहरों में एकेले भारत के 12 शहर है जिसमे सबसे उपर गुडगाँव शहर है जहां पर अत्यधिक प्रदुषण होने की बातें कही गई है प्रदुषण एक्सपोर्ट की मानें तो इस रिपोर्ट के बाद से गुडगाँव में प्रदुषण का ग्राफ और तेजी से बढ़ा है जिस पर प्रदुषण नियन्त्रण बोर्ड नियन्त्रण करने में फेल शाबित हुआ है

शहर में सांस व् दमे के बड़े रोगी

कुछ अस्पतालों से लिए आकड़ों के अनुसार गुडगाँव में प्रदूषण बढ़ने के बाद सांस, अस्थमा, हार्ट अटैक, दमा समेत तमाम बीमारियों के रोगी बढ़ रहे हैं। वही डॉक्टरों के सुझाव के अनुसार लोगों को घर से बाहर निकलते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि चेहरा ढका हो। ताकि बढ़ते प्रदूषण से होने वाली बिमारियों से बचा जा सके।

अधिकारी वर्जन :

इस सन्दर्भ में मानेसर जॉन के अधिकारी सतेंद्रपाल से सम्पर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनका नम्बर नॉटरिचचेबल था वही गुडगाँव जॉन के रीजनल ऑफिसर जयभगवान कहते है कि प्रदुषण नियन्त्रण को लेकर लगातार सेमिनार चलाए जा रहे है एन.ओ.सी. प्रकिया में नियमों के मुताबिक़ कार्य किये जा रहे है

जयभगवान, रीजनल ऑफिसर प्रदुषण कंट्रोल बोर्ड गुड़गांव

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