PBK NEWS | हैम्बर्ग सम्मेलन की मेजबान और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की जन्मभूमि होने के साथ-साथ वामपंथी कट्टरपंथियों का सरकार विरोधी गढ़ भी है। आतंकवाद से मुकाबला और आथर्कि सुधार जैसे मुद्दों के 12वें जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान छाए रहने की संभावना है लेकिन साथ ही मुक्त और खुला व्यापार, जलवायु परिवर्तन, आव्रजन, सतत विकास और वैश्विक स्थायित्व जैसे विषयों पर भी चर्चा की संभावना है।
मर्केल द्वारा विश्व नेताओं के स्वागत के साथ सम्मेलन की शुरआत होगी। शनिवार को समापन सत्र होगा। इसके बाद जी20 नेताओं की ओर से संयुक्त बयान जारी किया जाएगा।
At d BRICS leaders' informal gathering @ Hamburg hosted by China, PM @narendramodi and President Xi had a conversation on a range of issues pic.twitter.com/ervZw46PH0
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) July 7, 2017
इससे पहले ट्रंप, पुतिन और चीनी राष्ट्रपति से भी एंजेला मर्केल ने मुलाकात की। इसके बाद जी 20 शिखर सम्मेलन में एंजेला मर्केल का स्वागत भाषण होगा।
इससे पहले ब्रिक्स देशों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी के बारे में भी बात की। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए किए जा रहे सुधारों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी से पूरा भारत एक मार्केट बन जाएगा। हमारे फैसले से वैश्विक परिस्थितियों पर बेहतर असर होगा और व्यापार में आसानी होगी।
प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स देशों की बैठक में प्रोटेक्शनिज्म का भी सवाल उठाया। मोदी ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया को ब्रिक्स लीडरशिप की जरूरत है। भारत क्लाइमेट एग्रीमेंट को एक अच्छी भावना के साथ लागू करेगा।अपने भाषण के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी बधाई दी और कहा कि ब्रिक्स समिट के आयोजन में भारत अपना पूरा सहयोग देगा।
Germany: German Chancellor Angela Merkel welcomes world leaders to the G-20 Summit being held in Hamburg. pic.twitter.com/BIr6JGX0m4
— ANI (@ANI) July 7, 2017
इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों समेत अन्य शीर्ष नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है। 19 देशों और यूरोपीय संघ के संगठन को ‘ग्रुप ऑफ 20’ कहा जाता है। अर्जेटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनिशया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सउदी अरब,दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका इस समूह के सदस्य हैं।
हैम्बर्ग सम्मेलन की मेजबान और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की जन्मभूमि होने के साथ-साथ वामपंथी कट्टरपंथियों का सरकार विरोधी गढ़ भी है। आतंकवाद से मुकाबला और आथर्कि सुधार जैसे मुद्दों के 12वें जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान छाए रहने की संभावना है लेकिन साथ ही मुक्त और खुला व्यापार, जलवायु परिवर्तन, आव्रजन, सतत विकास और वैश्विक स्थायित्व जैसे विषयों पर भी चर्चा की संभावना है।
मर्केल द्वारा विश्व नेताओं के स्वागत के साथ सम्मेलन की शुरआत होगी। शनिवार को समापन सत्र होगा। इसके बाद जी20 नेताओं की ओर से संयुक्त बयान जारी किया जाएगा।
Germany: German Chancellor Angela Merkel welcomes world leaders to the G-20 Summit being held in Hamburg. pic.twitter.com/BIr6JGX0m4
— ANI (@ANI) July 7, 2017
इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों समेत अन्य शीर्ष नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है। 19 देशों और यूरोपीय संघ के संगठन को ‘ग्रुप ऑफ 20’ कहा जाता है। अर्जेटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनिशया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सउदी अरब,दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका इस समूह के सदस्य हैं।
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