PBK NEWS | यमुनानगर। हथनीकुंड बैराज पर यमुना नदी उफान पर है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बरसात से यमुना नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। हथनीकुंड बैराज पर यमुना का जलस्तर 1.40 लाख क्यूसिक से ऊपर पहुंच गया है और यह खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। इससे हरियाणा और दिल्ली के लिए बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इस खतरे को देखत हुए बैराज से निकलने वाली उत्तर प्रदेश, हरियाणा आैर दिल्ली की नहरों की जलापूर्ति रोक दी गई है।
यमुना का जलस्तर 1.40 लाख क्यूसिक से ऊपर पहुंचा, खतरे के निशान का किया पार
शिवालिक की पहाडि़यों पर हुई भारी बरसात के कारण क्षेत्र की बरसाती नदियों में भी उफान आ गया है। जिले के खिजराबाद के पास नेशनल हाईवे पर तीन-चार फुट तक पानी जमा हो गया है। खिजराबाद के बाजार मेें भी कई दुकानों में पानी भर गया है। हाईडल लिंक चैनल के बंद हो जाने से पनबिजली संयंत्र के चारों पावर हाउस में बिजली उत्पादन ठप हो गया है।
हथनीकुंड बैराज पर यमुना नदी का नजारा।
यमुना नदी के कैचमैंट एरिया त्यूनी, यशवंतनगर, हरिपुर, जाटान बैराज, डाक पत्थर, नौगांव आदि स्थानों पर बुधवार सुबह से शुरू हुई मूसलाधार बरसात से यमुनानदी का जलस्तर मानसून सीजन के अधिकतम बिंदू पर पहुंच गया है। बैराज पर बाढ़ का दबाव बढ़ जाने के कारण नहरों की जलापूर्ति रोक दी गई है।
इसके साथ ही बाढ़ के कारण बैराज से काफी पानी को यमुना नदी में छोड़ा गया है। इसके 72 घंटे तक दिल्ली पहुंच जाने की संभावना है। इससे हरियाणा के यमुना नदी के पास के इलाकों अौर दिल्ली में बाढ़ का खतरा है। हथनीकुंड स्थित केंद्रीय जल आयोग के कंट्रोल रूम से हर घंटे बाढ़ की ताजा स्थिति की जानकारी दी जा रही है।
सिंचाई विभाग के जेई जीतराम ने बताया कि बुधवार को दोपहर तीन बजे से पानी का दबाव लगातर बढ़ रहा है। तीन बजे जल बहाव बढ़कर 76073 क्यूसिक पर पहुंच गया। नदी में चार बजे तक एक लाख 38 हजार क्यूसिक से अधिक पानी छोड़ा जा चुका था। यह पानी 72 घंटे में दिल्ली पहुंच जाएगा।
हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़ा गया पानी।
जेई ने बताया कि हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात जारी है। इस कारण नदी का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। ऐसी हालत में हरियाण्ाा के नदी से लगते इलाकों आैर दिल्ली में बाढ़ का खतरा और बढ़ जाएगा।
यमुना नदी में उफान के कारण पनबिजली परियोजना के चारों पावरहाउस नैनावाली, भूडक़लां, बेगमपुर व ताजेवाला में बिजली उत्पादन ठप हो गया है। इस परियोजना में 64.4 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता की आठ इकाइयां स्थापित हैं।
बरसाती नदियां भी उफान पर
बीते दस घंटों से लगातार बरसात के कारण शिवालिक की पहाडिय़ों से निकलने वाली बरसाती नदियों नागल ड्रेन, चिकन्न नदी, सोम, उर्जनी आदि में उफान आ गया है। शिवालिक की पहाडिय़ों से निकलने वाली चिकन्न नदी की बाढ़ का रुख गांव बनियोंवाला की तरफ हो गया है।
बनियोंवाला गांव के निवासी दीपक बंसल, मोहित, अंकित, राजीव, रत्न, गौरव, इकबाल, साजिद आदि ने बताया की गांव शहजादवाला के सामने नदी किनारे लगाए गए बैडबार के कारण गांव बनियोंवाला नदी के मुहाने पर आ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि यदि गांव बनियोंवाला में भी नदी किनारे बैड बार नहीं लगाए तो भारी नुकसान होने की आशंका है।
Comments are closed.