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सरहद पर सीजफायर उल्लंघन की आड़ में बड़ी साजिश रच रहा पाकिस्तान

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PBK NEWS | नई दिल्ली । सरहद पर पाकिस्तान की शह में पल रहा आतंक भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। इंसानियत व अमन-चैन को तबाह कर कश्मीर को नफरत के रंग में रंगने के मंसूबे से पाकिस्तान हर दिन एक नए चेहरे मोहरे के रूप में आतंकवाद की सप्लाई कर रहा है।

शुक्रवार को लोकसभा में सदन की कार्रवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश की गई एक रिपोर्ट इस ओर ही इशारा कर रही है। केंद्र द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इसमें पाकिस्तानी सेना की ओर से किये गए सीजफायर उल्लंघन का ग्राफ बीते सालों की तुलना में सबसे ऊपर है। पाकिस्तान ने सीमा पार से 251 बार सीजफायर उल्लंघन किया है। वहीं, दूसरी रिपोर्ट में केंद्र के आंकड़ों से साफ है कि ठीक इसी समय पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ कराने का भी हर संभव प्रयास किया है। 42 बार सीमा लांघ पाकिस्तानी घुसपैठिये भारत में प्रवेश करने की फिराक में थे।

पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन और घुसपैठ के प्रयासों को जोड़कर देखा जाए तो साफ समझ में आ रहा है कि पाकिस्तान सीजफायर उल्लंघन में भारतीय सेना को उलझाकर आतंकियों की खेप भारत में सप्लाई करने के प्रयासों में जुटा हुआ है। लेकिन.. केंद्र की ही रिपोर्ट के आंकड़ों से यह भी साफ पता चल रहा है कि पाकिस्तान का यह नापाक इरादा लगभग हर बार नाकाम हो रहा है। घुसपैठ की कोशिश के दौरान भारत ने इस साल अभी तक 38 आतंकी मार गिराए हैं। देश की सुरक्षा में चट्टान की तरह खड़े हमारे भारतीय सैनिक पाकिस्तान को रोज पटखनी दे रहे हैं।

केंद्र ने लोकसभा में पेश की है ये रिपोर्ट

डरे पत्थरबाज, कम हुई पत्थरबाजी की घटनाएं

जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं पर लगाम लगी है। आए दिन होने वाली पत्थरबाजी की घटनाएं अब कम हो गई हैं। गृह मंत्रालय ने लोकसभा को दी गई रिपोर्ट में लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में 2016 के मुकाबले जुलाई 2017 तक पत्थरबाजी में कमी आई है। रिपोर्ट में यह भी आंकड़े दिए गए हैं कि 2017 में 9 जुलाई तक आतंकी घटनाओं में 38 सुरक्षाकर्मी और 12 नागरिकों की मौत हुई है। 95 आतंकी मारे गए हैं। 2016 में पत्थरबाजी की 2,808 घटनाएं सामने आईं जबकि 2017 में अब तक 664 घटनाएं हुई हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तानी सेना और वहां की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI सीमा पार से लगातार घुसपैठ कराने की कोशिश में लगी है। गृह मंत्रालय ने अपने लिखित जवाब में लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा है कि इस साल जनवरी से लेकर जून तक आतंकवादी घुसपैठ के प्रयास पिछले साल की अपेक्षा काफी बढ़ें हैं।

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