PBK NEWS | इलाहाबाद । इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने अपने खिलाफ बार एसोसिएशन की शुरू हुई मुहिम पर पलटवार किया है। उन्होंने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित अन्य जजों को पत्र भेजकर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव पर खुद को अप्रत्यक्ष रूप से धमकाने और उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी और महासचिव सुरेश चंद्र पांडेय पर कोर्टरूम और चेंबर में खुद को धमकाने का आरोप लगाया है। मुख्य न्यायाधीश को उन्होंने पत्र लिखकर सात जजों की पीठ के समक्ष मामला रखे जाने का अनुरोध किया है। वकीलों के खिलाफ अवमानना की सुनवाई सात जजों की पीठ पहले से ही कर रही है।
अब इस मामले में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोंसले को निर्णय लेना है। मामले में विचार के लिए मुख्य न्यायाधीश ने तीन जजों की कमेटी बनाई है। इस मामले को जल्द ही हल करने की कोशिश की जा रही है लेकिन, वकीलों के आंदोलन और 24 जुलाई को भी आम सभा बुलाए जाने के चलते मामले का समाधान जल्दी होता नहीं दिख रहा है।
इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी सहित अन्य पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोंसले से रविवार को मुलाकात की। उनके सामने अपना पक्ष रखा। दोनों पक्षों की हुई वार्ता में मामले को हल करने का प्रयास किया गया लेकिन मीटिंग खत्म होने तक कुछ समाधान नहीं निकला।
इस बैठक की बाबत हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने 24 जुलाई को सुबह नौ बजे आम सभा की बैठक बुलाई है जिसमें मुख्य न्यायाधीश और सभी अन्य न्यायमूर्तिगण से हुई वार्ता के संबंध में विचार विमर्श कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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