PBK NEWS | श्रीनगर। अल-कायदा कश्मीर में सक्रिय हो चुका है, जाकिर मूसा उसका कमांडर है, इस पर बेशक कईयों को संदेह हो सकता है। लेकिन कश्मीरी आतंकी अल-कायदा और आईएसआईएस का हिस्सा बन चुके हैं। इसकी पुष्टि गत दिनों अफगानिस्तान के खुरसान इलाके में अमरीकी ड्रोन हमले में बडगाम के एक 17 वर्षीय आतंकी के मारे जाने से हो गई है। उक्त आतंकी का पिता भी अल-कायदा का हिस्सा रहा है और कुछ समय पहले ही वह आईएसआईएस के साथ जुडा है।
बीते दो सालों में अफगानिस्तान में अल-कायदा या आईएसआईएस से संबधित किसी कश्मीरी आतंकी के मारे जाने का यह दूसरा मामला है। इससे पूर्व चार जनवरी 2015 को शावल घाटी के लावरा इलाके में अमरीकी सेना ने अल-कायदा एक ठिकाने पर ड्रोन हमला किया था। इस हमले में उजबेकीस्तान का अलकायदा कमांडर उस्मान और अफगानिस्तान की अलकायदा इकाई का प्रमुख कारी इमाम उफ्र कारी उबैदुल्ला समेत छह अल-कायदा आतंकी मारे गए थे। इनमें एक उमर कश्मीरी उर्फ अशरफ डार भी था। डार दक्षिण कश्मीर में नौगाम अनंतनाग का रहने वाला था।
अशरफ के बाद मारे गए दूसरे कश्मीरी आतंकी का नाम अब्दुल्ला-इब्न-एजाज उर्फ अबु उमैर उर्फ उमैस-अल-कश्मीरी है।
उमैस का छोटा भाई मोहम्मद इब्ने एजाज और पिता एजाज अहंगर भी अल-कायदा के अफगानीस्तान में सक्रिय कमांडर हैं। एजाज अहंगर 1995 तक कश्मीर में सक्रिय रहे हरकत-उल-मुजाहिदीन के नामी कमांडरों में एक था।
अब्दुल्ला-इब्न-एजाज के अल-कायदा से संबधित होने और ड्रोन हमले में मारे जाने की पुष्टि अभी तक स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने नहीं की है। लेकिन बडगाम जिले के बीरवाह में रहने वाले उसके ननिहाल वालों ने इसका दावा किया है। अबु उमैर के नाना का नाम अब्दुल्ला गजाली है और वह तहरीक-उल-मुजाहिदीन के पूर्व चीफ कमांडर रह चुके हैं।
अब्दुल्ला गजाली का असली नाम अब्दुल गनी डार है। फिलहाल वह वर्ष 2011 में जमायत -ए-अहल-ए-हदीस के कश्मीर इकाइ्र के आमीर मौलाना शौकत की बम धमाके में हत्या के आरोप में पकड़ा गया।
अबु उमैर के पिता एजाज अहंगर का संबंध डाऊन टाऊन श्रीनगर में नवाकदल इलाके से है। वह 1990 की शुरुआत में ही आतंकी बना था और उसने पाकिस्तान के अलावा अफगानीस्तान में ट्रेनिंग हासिल की थी। एजाज ट्रेनिंग करने के बाद जब कश्मीर लौटा था तो उसके साथ हरकत कमांडर सज्जाद अफगानीी भी आया था जो बाद में जम्मू सेंट्रल जेल में हुए एक झगड़े के दौरान मारा गया था।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जैश-ए-मोहम्मद जिसे अल-कायदा का करीबी माना जाता है,का संस्थान मौलाना मसूद अजहर भी पहले हरकतुल मुजाहिदीन का कमांडर था।
एजाज अहमद अहंगर कश्मीर लौटने के कुछ दिन बाद ही पकड़ा गया था और जेल में उसकी मुलाकात अब्दुल्ला गजाली से हुई थी। गजाली ने वहीं पर उसके साथ अपनी बेटी की शादी तय की थी।
जेल से छूटने के बाद एजाज अहंगर ने गजाली की बेटी से शादी की और फिर 1995 में अचानक गायब हो गया। उसके गायब होने का आरोप सुरक्षाबलों पर लगा। लेकिन बाद में पता चला कि कुछ दिन पाकिस्तान में रहने के बाद वह अफगानीस्तान चला गया है। करीब तीन चार साल बाद उसकी पत्नी और दो बेटियों को एक वैध पासपोर्ट के आधार पर अफगानीस्तान भेजा गया। अब्दुल्ला इब्ने एजाज उर्फ उमैस अल कश्मीर वर्ष 2000 में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में ही पैदा हुआ था। पारिवारिक सूत्रों की मानें तो एजाज की पत्नी और बेटा वर्ष 2003 में कश्मीर में भी लौटे थे और करीब तीन माह तक यहां रहे।
एजाज अहंगर के चार बच्चे हैं,जिनमें दो बेटे और दो बेटियां हैं। बेटों के नाम अब्दुल्ला इब्ने एजाज और मोहम्मद हैं जबकि बेटियों की नाम सायमा और साबरा हैं।
उसके दोनों बेटों ने अल-कायदा का दामन थामा था। अब्दुल्ला इब्ने एजाज उर्फ अबु उमैर उर्फ अबु उमैस ने सातवीं तक पढाई की थी और वह एक मदरसे में कुरान की पढ़ाई कर रहा था। एजाज और गजाली के परिजनों के अनुसार, एजाज करीब एक दशक पहले पूरी तरह वजीरीस्तान में स्थानांतरित हो गया था। वह अल-कायदा का सक्रिय कमांडर है। लेकिन कुछ समय पहले सुनने में आया था कि उसने आईएसआईएस का दामन थाम लिया है। दोनो बेटे भी अल-कायदा से आईएसआईएस में चले गए।
गजाली और एजाज के परिजनों से जुढ़े सूत्रों की मानें तो उमैस अल कश्मीरी गत 20 जुलाई को अफगानीस्तान के नानगरहर जिसे आईएसआईएस ने विलायह खुरासान का नाम दिया है,नामक इलाके में अमरीकी ड्रेान हमले में अपने कुछ साथियों संग मारा गया है।
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