PBK NEWS | बीजिंग। चीन का कहना है कि भारत को सीमा पर शांति की अपनी इच्छा अपने व्यवहार के जरिये प्रदर्शित करनी चाहिए। उसने दावा किया कि डोकलाम क्षेत्र में 48 भारतीय सैनिकों की मदद के लिए सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं ताकि चीन अपने सीमा क्षेत्र में सड़क निर्माण न कर सके। भारत अगर सही मायने में शांति चाहता है तो उसे तुरंत अपने सैनिकों को वापस बुला लेना चाहिए।
एक बयान में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय पक्ष की कार्रवाई गैरजिम्मेदार और दुस्साहसपूर्ण है। उन्होंने डोकलाम में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी को चीनी क्षेत्र में गैरकानूनी घुसपैठ करार दिया। जबकि, भारत इसे भूटान का इलाका बताता है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितने भारतीय सैनिक गैरकानूनी रूप से सीमा पार करके आए हैं और चीनी क्षेत्र में बने हुए हैं।
क्योंकि इससे चीनी क्षेत्र की संप्रभुता के गंभीर उल्लंघन की प्रकृति नहीं बदलेगी। यह घटना अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत गैरकानूनी है। भारतीय पक्ष को इसके परिणामों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ‘शांति’ को हमेशा अपनी जुबान पर रखता है। लेकिन, हमें न सिर्फ उसके शब्दों पर बल्कि उसके कार्य व्यवहार पर भी ध्यान देना है।
चीनी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सड़क बनाने की योजना के संबंध में उसके 18 मई और 8 जून के अग्रिम नोटिसों का कोई जवाब दिए बिना भारत ने सड़क निर्माण रोकने के लिए 18 जून को अपने सैनिक भेज दिए। यही नहीं, भारतीय पक्ष सड़कों का निर्माण कर रहा है, रसद आपूर्ति जमा कर रहा है और सीमा पर भारतीय क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैन्य बलों की तैनाती कर रहा है। यह किसी भी दृष्टि से शांति के लिए नहीं है। हालांकि, चीनी प्रवक्ता ने अपनी सीमा में सड़कों के निर्माण को सामान्य गतिविधि बताते हुए उसे पूरी तरह कानूनी और वैध करार दिया।
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