PBK NEWS | नई दिल्ली। राज्यसभा सचिवालय ने अपने एक पूर्व कर्मचारी को गलती से दिए अतिरिक्त 39,100 रुपये वापस पाने के लिए निचली अदालत से लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में 15 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन यह लड़ाई उसी पर भारी पड़ गई। इस पूरे प्रकरण में हाई कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय पर ही एक लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है।
न्यायमूर्ति वाल्मीकि जे मेहता की पीठ ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय की इस फिजूल याचिका के चलते पूर्व कर्मचारी पीएस वर्मा को लंबे समय तक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। पीएस वर्मा से रुपये प्राप्त करने के बजाए अब राज्यसभा सचिवालय को उन्हें कुल राशि में से 50 हजार रुपये देने होंगे।
हाई कोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए इसमें से 50 हजार उस शख्स से वसूलने के निर्देश दिए हैं, जिसने राज्यसभा सचिवालय को निचली अदालत से मुकदमा हारने के बावजूद हाई कोर्ट में याचिका लगाने की सलाह दी थी।
हाई कोर्ट ने कहा कि पूर्व कर्मचारी पीएस वर्मा ने कभी नहीं कहा कि वह यह रकम नहीं लौटाना चाहते। वह शुरू से कह रहे हैं कि उन्हें बढ़ी हुई रकम दी गई, जिसके चलते उन्हें अधिक आयकर देना पड़ा।
उन्होंने राज्यसभा सचिवालय से केवल इस संबंध में जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने की मांग की थी, ताकि वह इसे आयकर विभाग को देकर अतिरिक्त कर वापस पा सकें। हाई कोर्ट ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय ने अपनी गलती को सुधारने के लिए केवल आंशिक कदम उठाए।
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