आंतकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा हुआ कंगाल, पैसा कमाने का बनाया नया प्लान अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते फंड की कमी
नई दिल्ली । पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंक के आका हाफिज सईद के साथ मिलकर भारत के खिलाफ हमेशा नई-नई साजिश रचते रहते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान अब लश्कर के आतंकियों को फंड मुहैया कराने के लिए नई चाल चल रहा है। खूफिया सूत्रों के मुताबिक, लश्कर के पास इस समय अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते फंड की कमी है। उसका संगठन पूरी तरह कंगाल हो चुका है।
फंड जुटाने के लिए हाफिज सईद ने पाक अधिकृत कश्मीर में चल रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर यानि सीपीईसी प्रोजेक्ट में अपने टेक्नोक्रेट लगाकर पैसे कमाने का प्लान तैयार किया है। इसके लिए हाफिज सईद ने आईएसआई की मदद लेकर 26/11 के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान मक्की को प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त किया है।
जो पाक अधिकृत कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में 300 टेक्नोक्रेट यानी लश्कर और जमात-उद-दावा के लोगों को ट्रेंड करेगा। कोर्स कराए जाने के बाद इन्हें चीन की मदद से बन रहे पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में नौकरी करने को कहा गया है।नए खुफिया प्लान के तहत 300 पाकिस्तानी इंजीनियर जिन्हें आने वाले दिनों में बैक डोर से चीन के द्वारा बनाए जा रहे सीपीईसी प्रोजेक्ट में भर्ती कराया जाएगा। इसके जरिए पैसे का एक हिस्सा जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा को दिया जाएगा।
बता दें कि लश्कर इन दिनों पाकिस्तानी इंजीनियर्स के बैच को मैनेजमेंट कोर्स करा रहा है।एजेंसियों के मुताबिक, लश्कर आतंकी और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान मक्की को लश्कर का ये कोर्स कराने की जिम्मेदारी दी गई है। कोर्स करने के बाद इन इंजीनियर को लश्कर के एक और सेंटर एबटाबाद में भेजा जाएगा। जहां पर उन्हें कुछ महीनों की फिजिकल ट्रेनिंग दी जाएगी। कोर्स कराए जाने के बाद इन्हें चीन की मदद से बन रहे पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानि सीपीईसी में नौकरी करने को कहा गया है।
यही नहीं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई हाफिज सईद के जमात-उद-दावा को पूरी शह देने के लिए कई कदम उठा रहा है। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान छोटे-छोटे ट्रस्ट बनाकर जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा को फंड जुटाने में मदद कर रहा है।
हाल ही में जमात-उद-दावा ने कई छोटे-छोटे ट्रस्ट बनाकर कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए पैसा जुटा रहा है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान में जमात-उद-दावा के कई ट्रस्ट पर आर्थिक प्रतिबंध लगा हुआ है। जिसके चलते ना तो उससे पैसा निकाल सकता है और ना ही कहीं पैसा भेज सकता है। यही वजह है कि हाफिज सईद और उसके गुर्गे नए छोटे-छोटे ट्रस्ट बनाकर पैसा जुटाने की फिराक में हैं।
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