PBK News, 20 जुलाई : गुरुग्राम में बहुमंजिला इमारतों में इन दिनों भीड़-भाड़ का दृश्य देखा जा रहा है। अधिकतर जगहों पर आपातकाल के दौरान दुर्घटनाओं से बचने के लिए उचित इंतजाम भी नही है। उक्त बातें कांग्रेस नेता रोहताश बेदी ने बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि बिल्डिंगो में फायर फाइटिंग उपकरण तो लगे है, लेकिन बहुत जगहों पर यह केवल शोपीस बनकर रखे हुए बहुत जगह आग लगने के दौरान बिल्डिग में लगी फवारें भी सभी मंजिलों पर ठीक तरीके से कार्य नही करते।
वही इमारत मे रखे उपकरण भी काफी जगह कार्य नही करते है। जिससे सबसे ऊंचे फ्लोर पर पानी नही पहुंचने की वजह से आगजनी की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है। प्रशासन द्वारा इन जगहों पर लापरवाही करते हुए ठीक तरह से निरिक्षण नही किया जाता और उन्हें एन.ओ.सी. बाट दी जाती है। जिससे इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। गुडग़ांव के शीतला अस्पताल में भी आग से जिला प्रशासन को सबक लेने की बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा गुडग़ांव जगह जगह निजी अस्पताल बने हुए है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से इन अस्पतालों पर लागु होने वाले नियम व कायदों पर जिला प्रशासन को गंभीरता से नजर रखने की जरूरत है, ताकि अस्पताल में आपातकाल के दौरान कोई बड़ा हादसा न हो सके शीलता अस्पताल में आग लगने के बाद भले ही प्रशासन कुछ कार्यवाही में जुटा हो, लेकिन उन्हें अस्पतालों में लागू होने वाले नियमों पर सख्ती से कार्यवाही करते हुए फायर सम्बन्धित सभी दस्तावेजों तथा सुरक्षा की दृष्टि से सभी कानूनों को पूरा करना चाहिए।
राव नरेंद्र ने बताया कि एक रिपोट के अनुसार शीतला अस्पताल में आग लगने के बाद दमकल विभाग ने फायर एनओसी वाले अस्पतालों की रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक जिले में कुल 74 अस्पताल चल रहे हैं। इनमें 9 अस्पताल 15 मीटर से उंची इमारत वाले हैं। वहीं 65 अस्पताल छोटी इमारतों वाले हैं। इनमें से 44 अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं है। काफी लंबे समय से बगैर फायर एनओसी के ही अस्पताल चल रहे हैं। ऊंची इमारतों वाले 4 अस्पतालों के पास भी फायर एनओसी नहीं है।
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