गुरुग्राम, 31 मार्च (अजय) : गुरुग्राम नगर निगम में विज्ञापन बाईलाज की अनदेखी साफ़ देखने को मिल रही है, जिस पर निगम के अधिकारी कुछ भी जवाब देने से बच रहे है। अक्सर नगर निगम पर विज्ञापन घोटाले के आरोप लगते रहते है, जिस पर काफी बार अधिकारी महज छोटी मोटी कार्यवाही करके महज खानापूर्ति करते दिखाई पड़ते है। निगम अधिकारीयों की लापरवाही की वजह से नगर निगम गुरुग्राम के राजस्व को बड़ा नुकशान हो रहा है। बताया जा रहा है कि शहर में लगने वाले यूनिपोल एवं अन्य विज्ञापनों के प्रति बाईलाज की अनदेखी साफ़ देखने को मिलती है। शहर में छोटे विज्ञापनों की परमिशन लेकर बड़े विज्ञापन नियमों के विरुद्ध सरकारी खम्बो और ग्रीन बेल्ट में लगाकर सरकारी तंत्र को ठेंगा दिखाने का कार्य किया जा रहा है। जिस पर अधिकारी चुपी साधे हुए है। बताया जा रहा है कि नियमों के अनुसार ग्रीन बेल्ट में युनिपोल लगाने की अनुमति नही होती, बावजूद इसके ग्रीन बेल्ट में युनिपोल लगाये जा रहे है। इसके आलावा सरकारी कार्यालय तथा सरकारी पोल तथा दिशा सूचक बोर्ड पर निजी विज्ञापन लगाकर शहर के सौन्द्रयकरण को खराब करने की दिशा में कार्य हो रहा है। निगम के अधिकारीयों से जब छोटे विज्ञापन लेकर बड़े विज्ञापन लगाने वाले मामले में सवाल पूछा गया तो कोई जवाब उनकी तरफ से नही मिला। यही नही विभाग से यह भी पूछा जा रहा है कि शहर में अवैध विज्ञापन लगाने वालों के खिलाफ नगर निगम की सम्बंधित विज्ञापन ब्रांच ने क्या कार्यवाही की और शहर में अवैध विज्ञापन लगाने वालों से कितनी जुर्माना राशी अभी तक वसूली गई है, उस पर सम्बंधित विभाग के कई अधिकारीयों को फोन करके तथा व्हाट्स एप के माध्यम जानकारी मांगी गई, लेकिन किसी ने कोई जवाब देना जरूरी नही समझा, कई बार कार्यालय भी मिलना चाहा, लेकिन सम्बधित अधिकारीयों से मिलना नही हुआ। कुछ अधिकारीयों ने कहा कि इस सन्दर्भ में उच्च अधिकारी ही ब्यान के लिए अधिकृत बताते हुए पल्ला झाड़ लिया, वही उच्च अधिकारीयों ने भी इस पर कोई जवाब देना जरूरी नही समझा। अधिकारीयों के इस बर्ताव से तो यह लगता है कि शहर में सब कुछ नियमों के अनुसार चल रहा है और सभी अधिकारी ईमानदारी से कार्य करते हुए नगर निगम का राजस्व बढ़ाने में लगे है। अवैध विज्ञापनों पर लगाये जाने वाले जुर्माने की राशी और उसकी वसूली तथा विज्ञापन के बाईलाज की अनदेखी पर अधिकारीयों का कोई जवाब नही देना कई तरह के सवालियां निशान खड़े हो रहे है।
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