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अहीर कॉलेज में मोमबत्तियां जलाकर सीडीएस जनरल बिपिन रावत को दी श्रद्धांजलि

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भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस )जनरल बिपिन रावत को अहीर कॉलेज प्रांगण में मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वही उनके साथ दुर्घटनाग्रस्त उनकी पत्नी एवं भारतीय सेना के अन्य वीरों को भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। उक्त विषय में जानकारी देते हुए प्रो.हंसराज यादव ने कहा कि कॉलेज प्राचार्य डॉ एच.आर.यादव ने जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा के समक्ष मोमबत्ती जलाकर तथा पुष्प अर्पित किए गये। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जनरल बिपिन रावत ने जितना विशाल जीवन जिया वह हर सैन्यकर्मी के लिए प्रेरणास्रोत बनकर शाश्वत रहेगा। जनरल रावत युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त कर 43 वर्ष की सैन्य सेवा में देश के सर्वोच्च मिलट्री रैंक तक का सफर तय किया। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के शौर्य साहस और पराक्रम के कारण भारतीय सेना को मजबूती मिली। जनरल बिपिन रावत के निधन पर पूरे देश की आंखें नाम है। उनके राष्ट्र समर्पण की कहानी पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य ने कहा कि गढ़वाल के एक सामान्य गांव से निकलकर रायसीना के सबसे ऊंचे सैन्य ओहदे तक पहुंचे जनरल रावत उस विभूति पुरुष की तरह जाने जाएंगे, जिन्होंने भारत की सेनाओं को सशक्त करने, समन्वयित करने और देश की रक्षा के कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाने को जीवन दे दिया।

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