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वायु प्रदूषण पर जिला प्रशासन कर रहा दिखावा, सभी दावे फेल : शरद गोयल

प्रदुषण के नाम पर अधिकारी कर रहे बड़ा खेल, लोगों ने उठाये सवाल

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बादशाहपुर, 10 नवम्बर (अजय) : हर वर्ष की भांति इस वर्ष फिर इन दिनों प्रदूषण का भूत पैदा हो गया और बिना कुछ सोचे समझे प्रशासन ने भिन्न-भिन्न कार्यों पर प्रतिबन्ध लगाना शुरू कर दिया। उक्त विषय पर नेचर इंटरनेशनल के अध्यक्ष शरद गोयल ने कहा कि आज इन्द्रदेव ने कुछ कृपा की तो हल्की बारिश दिल्ली एनसीआर में आई और बारिश के साथ ऐसा दावा किया जाने लगा कि एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गिर गया। शरद ने कहा कि वह कोई पर्यावरण विशेषज्ञ तो नहीं किन्तु एक बात समझ में नही आती है बारिश का पर्यावरण से क्या सम्बन्ध है। क्योंकि अगर बारिश से कुछ कम होता है तो वो है वायुमंडल में धूल के कण, जोकि सतह पर ही जमे रहते है। बारिश का असर न तो जनरेटर के चलने पर होता, न डीजल की क्वालिटी से कोई रिश्ता है, न इस बात से कोई लेना देना है कि आपकी गाड़ी यूरो 4 और 5 है या 6 है, ग्रेप 4 लगने के बाद दिल्ली एनसीआर में यूरो 4 की गाड़ियों का भी चालान होने लगा। फिर चाहे वो गाड़ी प्रदूषण जाँच में बिलकुल सही पाई गई हो ये कैसा मजाक है। इससे प्रशासन की कार्यशेली पर तमाम तरह के सवालियां निशान खड़े होते है।

दरअसल सरकारों के लिए सबसे आसान कोई काम है तो वह है चीजों पर प्रतिबंध लगाना। प्रतिबंध लगाने से दो फायदे होते है एक तो पुलिस व अन्य एजेंसियों को चालान काटने व न काटने का अधिकार मिल जाता है। ऐसी स्थिति में यदि वो चालान काटता है तो सरकार की जेब में पैसा जाता है काटने से छोड़ता है तो उसकी जेब में जाता है। आम जनता ने तो किसी न किसी रूप में परेशानी का सामना करना ही है। बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि जब समय-समय पर किए गए विभिन्न शोधकारियों से ये पता चलता है कि एनसीआर में प्रदूषण का मुख्य कारण वायुमंडल में धूल के कण है तो बड़ा सवाल ये पैदा होता है प्रशासन इस धूल के कण को कम करने के लिए क्या कदम उठाती है कि अगले साल ये धूल के कण कम हो जाए। पिछले 10 सालो में सरकार द्वारा एक भी सावधानी ऐसी नहीं बरती गई जिससे इस मौसम में बढ़ते धूल कण को नियंत्रित किया जा सके।

गुडगाँव में कई विभिन्न स्थानों पर जीएमडीए द्वारा सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें धड़ल्ले से सरेआम सड़क पर रेत उड़ाया जा रहा है और प्रशासन का कोई हस्तक्षेप नहीं है। सरकारी नियमों के अलावा अपने विवेक से देखे कि किस कारण से शहर में प्रदूषण फ़ैल रहा है और उसका तुरंत निस्तारण करे। ऐसे समय में यह विभाग रस्म अदायगी के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर फैक्ट्री मालिकों से दरख्वास्त करते है कि चालान कटवा लो हमे कोटा पूरा करना है मुझे आज तक प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में कोई भी ऐसा कार्य शहर में नहीं दिखाई दिया जो प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया गया हो।

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