बादशाहपुर, 7 मार्च (अजय) : किसान संघर्ष समिति के प्रधान राव गजराज सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में आबादी बढ़ने के साथ-साथ विभिन्न तरह की फसलों की भी मांगी बढ़ेगी लेकिन बदलते पर्यावरण के चलते फसलों की मांगों की पूर्ति करने में जलवायु परिवर्तन बड़ी मुश्किलें पैदा करेगा जिसके लिए हमें अभी से सचेत रहने की बड़ी आवश्यकता है बुंदेलखंड देश का एक ऐसा हिस्सा है जहां किसान अपने सपनों का दम तोड़ रहे वहां का इलाका कभी डकैतों के लिए बदनाम हुआ करता था तो झांसी की रानी की वजह से प्रसिद्ध हुआ मगर उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश को ऐसा क्या हुआ कि वहां की जलवायु परिवर्तन की मार का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है साल 2003 से 2010 तक बुंदेलखंड में सूखे की मार को झेला तो वही वर्ष 2011, 12, 13 में मानसून की देरी की वजह से फिर सूखे की मार झेलनी पड़ी
परंतु आज भी बारिश पर हमारी निर्भरता कम नहीं हुई है बरसात के भरोसे ही किसान अपनी फसलों की आस लगाए हुए हैं जो कि समय पर नहीं होने से किसानों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद के अनुसार 2050 तक मौसम की बारिश में 70% तक गिरावट आ सकती है जो कि भारत की कृषि में काफी बड़ा नुकसान ला सकती है जिससे भारत के किसान बुरी तरह से प्रभावित होंगे जलवायु परिवर्तन हमारी पूरी खाद उत्पादन श्रृंखला तथा खदान सुरक्षा को प्रभावित ऐसे में आने वाले दिनों में आबादी बढ़ेगी जिससे फसलों के विभिन्न किस्म की मांग भी बढ़ेगी मगर जलवायु परिवर्तन इस में बाधा उत्पन्न करेगा जिससे किसानों को काफी बड़ी हानि होगी लिहाजा कृषि में निवेश के साथ सिंचाई तथा बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने की बड़ी जरूरत है तभी इन खदान असुरक्षित संकटों से बचने की दिशा में कदम उठ सकते हैं और इन समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं ऐसे में सरकार को अभी से पर्याप्त कदम उठाते हुए किसानों को हित में बढ़े और कारगर सख्त कदम उठाने होंगे जिससे कि भारतीय कृषि को प्रभावित होने से बचाया जा सके राव गजराज सिंह ने कृषि की समस्याओं को उठाते हुए काफी बड़ा मुद्दा देश के सामने उठाया है जिसे गंभीरता से केंद्र सरकार को व प्रदेश सरकार को लेना चाहिए
फोटो : राव गजराज
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